शिवपुरी- आंतरिक शांति से ही विश्व शांति की अनुभूति हरेक व्यक्ति कर सकता है और दूर-दूराज के देश आशा भरी निगाहों से भारत की ओर जब देखते है तब एहसास होता है कि पूरा देश आज तनाव, हिंसा और कहीं ना कहीं अविश्वास में डूबा हुआ तब इन हालातो में भारत ही ऐसा है जहां आंतरिक शांति से विश्व शांति की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है और यह अनुकरणीय कार्य किया संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हार्टफुलनेस के सहयोग से हैदराबाद स्थित कान्हा शांतिवनम हार्टफुलनेस मुख्यालय में जहां 14 से 17 तक वैश्विक आध्यात्मिक महोत्सव का आयोजन किया गया। इसी क्रम में जिला मुख्यालय शिवपुरी पर भी कलेक्टर कोठी के समीप स्थित पार्थ एकेडमी परिसर में सभी धर्मों, मान्यताओं और विश्वासों के आध्यात्मिक गुरुओं के साथ हार्टफुलनेस क सहयोग से आयोजित आध्यात्मिक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न धर्मगुरू मौजूद रहे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से गायत्री परिवार से एन.आर.महते, ब्रह्मकुमारी आश्रम से राजयोगिनी व्ही.के.शबनम बहिन जी, ओशो परिवार से गोपाल अग्रवाल, तथागत फाउण्डेशन संयोजक आलोक एम.इंदौरिया, मंशापूर्ण मंदिर पुजारी पं.अरूण शर्मा, शहरकाजी बलीउद्दीन सिद्दीकी, मौलाना इकरारउद्दीन, जैन समाज से संजीव बांझल, कैथोलिक चर्च से फादर एनथनी, आर्ट ऑफ लिविंग से श्रीमती मनीषा जैन, इस्कॉन मंदिर से निखिल जी, गुरूद्वारा प्रबंधक श्री बत्रा जी आदि मंचासीन रहे जिन्होंने अपने विचारों के माध्यम से आंतरिक शांति से विश्व शांति की ओर बढ़ते भारत के कदम को लेकर अपने भाव व्यक्त किए। इस दौरान हैदराबाद स्थित शांतिवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी उपस्थितजनों को दिखाया गया।
र्हाटफुलनेस संस्था की सुश्री जया शर्मा ने बताया कि इस वैश्विक आध्यात्मिक सम्मेलन का विषय विश्व शांति के लिए आंतरिक शांति है। सम्मेलन का उद्देश्य अंतर्धार्मिक संवाद स्थापित करना और सभी धर्म एवं उम्र के लोगों और जीवन के सभी क्षेत्र के लोगों को दैनिक जीवन में आध्यात्मिकता से जुड़ने में सहायता प्रदान करना है। यह वैश्विक आध्यात्मिक महोत्सव जिसका आयोजन पूज्य दाजी के मार्गदर्शन में विश्व के सबसे बड़े ध्यान केन्द्र में किया गया। इसमें आध्यात्मिक गुरु विश्व शांति के लिए एक मंच पर आए। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार का लक्ष्य है कि आध्यात्मिक गुरुओं के मार्गदर्शन में विश्व शांति के लिए सभी धर्मों के सार को एक साथ लाया जाए, इसी उद्देश्य से सभी वर्गों, जातियों, और धर्मों के बीच एकजुटता स्थापित करना और सभी देशों को आध्यात्मिक रूप से एक साथ लाना और कान्हा शांतिवनम के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना रहा। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक देश,150 से अधिक आध्यात्मिक संस्थानों और संगठन के 100000 से ज्यादा प्रतिभागियों ने शामिल होकर आध्यात्म का मार्ग चुनकर शांति का संदेश श्रवण किया।