मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, खारिज की क्यूरेटिव पिटीशन

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (14 मार्च) को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी. कथित शराब नीति घोटाला मामले में 4 मार्च को उन्होंने उनकी क्यूरेटिव पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट से तुरंत सुनवाई की अपील की थी. आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया ने जमानत देने से इनकार करने वाले 2023 के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका लगाई थी.

सिसोदिया की ओर से 4 मार्च पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच से याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का निर्देश देने की मांग करते हुए कहा कि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट याचिका पर सुनवाई इसलिए नहीं कर रही है क्योंकि उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी पुनर्विचार याचिका

30 अक्टूबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब नीति घोटाला मामले में सिसोदिया को जमानत देने से मना कर दिया था. इसके बाद 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी थी. क्यूरेटिव पिटीशन के जरिए वह इसी आदेश पर दोबारा विचार की मांग कर रहे थे.

सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को ‘घोटाले’ में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले में सिसोदिया से तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद उन्हें नौ मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया. उन्होंने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था.

CBI और ED ने लगाए ये आरोप

सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली आबकारी नीति 2020-21 को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ किया गया या कम किया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंस अवधि बढ़ाई गई. लाभार्थियों ने कथित तौर पर ‘अवैध’ लाभ को आरोपी अधिकारियों तक भी पहुंचाया और जांच से बचने के लिए अपनी लेखा पुस्तिका में गलत एंट्री कीं.

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