मालेगांव मुकदमे में गैरहाजिर रहने पर मुंबई की एनआईए अदालत ने आज (11 मार्च 2024) भारतीय जनता पार्टी की (BJP) सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया. स्पेशल एनआईए कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर और अन्य आरोपियों को अदालत की ओर से निर्देशित तारीखों पर बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था.
प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने मेडिकल आधार पर पेशी से छूट की मांग की. स्पेशल जज ने आवेदन खारिज कर दिया और वारंट जारी किया कि उपस्थिति और 10,000 रुपये का भुगतान करने पर इसे रद्द कर दिया जाएगा. ठाकुर को 20 मार्च, 2024 से पहले अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया है.
20 मार्च तक जांच एजेंसी को रिपोर्ट दाखिल करने को कहा
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रज्ञा ठाकुर और छह अन्य पर इस मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और आईपीसी के प्रावधानों के तहत मुकदमा चल रहा है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत वर्तमान में CRPC के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है. अदालत ने पहले मामले के आरोपियों को सुनवाई के लिए पेश होने का निर्देश दिया था. विशेष न्यायाधीश ए. के. लाहोटी ने सोमवार को प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ 10,000 रुपये का वारंट जारी किया और जांच एजेंसी को 20 मार्च तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा.
2008 में हुए विस्फोट में हुई थी 6 लोगों की मौत
पिछले महीने (फरवरी में) न्यायाधीश ने प्रज्ञा ठाकुर को चेतावनी दी थी कि यदि वह अदालत की कार्यवाही में शामिल होने में विफल रहीं तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. 29 सितंबर, 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र में मुंबई से लगभग 200 किमी दूर मालेगांव में एक मस्जिद के पास एक बाइक पर रखे सामान में विस्फोट से छह लोगों की मौत हुई थी, जबकि 100 से अधिक घायल हुए थे. एनआईए को केस ट्रांसफर होने से पहले महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने शुरुआत में इसकी जांच की थी.