विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय जापान के दौरे पर हैं. उन्होंने शुक्रवार (8 मार्च) को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की पत्नी अकी आबे से मुलाकात की और उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी का एक निजी पत्र सौंपा. इस दौरान उन्होंने भारत-जापान संबंधों को मजबूत करने में आबे के महत्वपूर्ण योगदान के लिए सराहना की.
इससे पहले एस जयशंकर ने विदेश मंत्री स्तर बैठक में भाग लिया. उन्होंने भारत-जापान विशेष रणनीतिक साझेदारी पर कहा कि हमारे संबंधों में हमेशा जटिलताएं रहेंगी, लेकिन इसके साथ उतने नए अवसर भी आएंगे. ऐसे में भारत और जापान को एक-दूसरे से संपर्क बनाए रखना होगा.
द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा
संयुक्त बयान में जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर व्यापक चर्चा की. उन्होंने कहा, “मैं प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए भी उत्सुक हूं.” उन्होंने बताया कि भारतीय सेना राजस्थान में जापानी आत्मरक्षा बलों के साथ संयुक्त अभ्यास कर रही हैं.
लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के तरीकों पर भी बात की
विदेश मंत्री ने बताया कि दोनों पक्षों ने शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति के माध्यम से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के तरीकों पर भी बात की. जयशंकर ने कहा कि उन्होंने भारतीय पर्यटकों और अन्य नागरिकों के लिए जापान की यात्रा के लिए अधिक सुगम वीजा व्यवस्था की आवश्यकता के बारे में भी बात की.
चीन को लेकर क्या बोले विदेश मंत्री
उन्होंने कहा कि वह अगले ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय संवाद के लिए भारत में अपने जापानी विदेश मंत्री का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन ग्लोबल साउथ का हिस्सा है तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में चीन मौजूद था. क्वाड पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि क्वाड जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करता है. उसने ऊर्जा और प्रौद्योगिकी मुद्दों पर चर्चा की है, लेकिन हमने न्यूक्लियर एनर्जी पर स्पष्ट नहीं की है.