नई दिल्ली: महिला दिवस के मौके पर आज दिल्ली के भारत मंडपम में नैशनल क्रिएटर्स अवार्ड का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर देश के उभरते कलाकारों को सम्मानित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी बताया कि वो लोगों को खुद के पैर क्यों नहीं छूने देते। पीएम ने बताया कि राजनीति में पैर छूने की परंपरा बन गई है लेकिन कला जगत में पैर छूने की अलग परंपरा है। मोदी ने कहा कि जब कोई पैर छूने आता है और वह भी कोई बेटी, तब मैं बहुत असहज हो जाता हूं। अवार्ड कार्यक्रम के दौरान ऐसे कई मौके आए जब मोदी ने अपनी बातों से लोगों को खूब गुदगुदाया।
पैर क्यों नहीं छूने देते मोदी?
आपने अक्सर देखा होगा कि मंच या किसी भी सार्वजनिक जगहों पर अक्सर पीएम मोदी अपना पैर नहीं छूने देते। भारत मंडपम में आयोजित नैशनल क्रिएटर्स अवार्ड के मौके पर मोदी ने इसका कारण भी बताया। दरअसल, उभरती क्रिएटर कीर्तिका गोविंदस्वामी का नाम इस अवार्ड के लिए नामित हुआ था। नाम पुकारते ही कीर्तिका ने स्टेज पर पीएम के पैर छुए लेकिन इससे पहले ही मोदी ने उन्हें रोक दिया। मोदी ने कहा, ‘ओहो बाबा पैर नहीं! उन्होंने कहा कि आजकल राजनीति में पैर छूने की परंपरा बन गई है। लेकिन कला के क्षेत्र में पैर छूने का भाव अलग है। जब मेरा कोई पैर छूने आता है और उसमें भी अगर बेटी है तो मैं असहज हो जाता हूं।
अवार्ड पाने वालों को मोदी ने क्या कहा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये पहला ऐसा अवार्ड जो शायद आने वाले दिनों में बहुत प्रमुख स्थान लेना वाला है। ये इस नए युग को ऊर्जा से भर रहा है। रचनात्मकता को सम्मान देना और समाज के रोजमर्रा जिंदगी के प्रति जो संवेदनशीलता है उसको सम्मान करने का ये अवसर है। भविष्य में ये अवार्ड कंटेंट क्रिएटर्स के लिए बहुत बड़ा प्रेरणा बनेगा। आज जिन्हें ये अवार्ड मिले मैं उन्हें बधाई देता हूं।