कौन हैं अशोक सिंह? जिनके आगे एमपी में नहीं टिक पाए कांग्रेस के बड़े-बड़े राज्यसभा के दावेदार

भोपाल: बीजेपी ने जैसे ही राज्यसभा उम्मीदवारों की अपनी सूची जारी की, तभी से सभी को बेसब्री से कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार था। अब बीजेपी की लिस्ट जारी होने के कुछ घंटों बाद कांग्रेस ने अपना सस्पेंस खत्म करते हुए राज्यसभा द्विवार्षिक चुनाव के लिए मध्य प्रदेश से अशोक सिंह की उम्मीदवारी की घोषणा की।

इससे पहले ऐसी अटकलें थीं कि कांग्रेस कमलनाथ को उच्च सदन भेज सकती है। हालांकि, मंगलवार को नाथ ने कहा कि उन्होंने ‘राज्यसभा के बारे में कभी नहीं सोचा।’

अशोक सिंह वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। वह तीन बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। गौरतलब है कि बुधवार सुबह बीजेपी ने मध्य प्रदेश की पांच में से चार सीटों पर माया नारोलिया, डॉ. एल मुरुगन, उमेश नाथ महाराज और बंसीलाल गुर्जर को अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाया। बाकी सीट कांग्रेस की है, जहां पार्टी ने अशोक सिंह को उम्मीदवार बनाया है।

उच्च सदन की सीट किसे मिलेगी, इसे लेकर राज्य कांग्रेस पार्टी में काफी उम्मीदें थीं। दरअसल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मंगलवार को सोनिया गांधी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा सीट की पेशकश की थी। अशोक सिंह का बैकग्राउंड कांग्रेसी ही रहा है। इससे पहले भी उन्हें कमलनाथ की सरकार में अपेक्स बैंक का अध्यक्ष बनाया गया था।

बता दें, ऊपरी सदन में 15 राज्यों की कुल 56 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने से ये सीटें खाली हो गई थी. मध्य प्रदेश में भी राज्यसभा की चार सीटें खाली हुई हैं. कांग्रेस ने यहां से अशोक सिंह को उम्मीदवार बनाया है. विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या को देखते हुए अशोक सिंह का जीत तय मानी जा रही थी. राज्यसभा के लिए 15 फरवरी तक नामांकन की आखिरी तारीख थी और 16 फरवरी नामंकन पत्रों की जांच हुई. 20 फरवरी तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकते थे. यहां से बीजेपी ने चार और कांग्रेस एक प्रत्याशी बनाया है. मंगलवार (20 फरवरी) को अशोक सिंह को निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुना गया.

इससे पहले अशोक सिंह के निर्विरोध चुने जाने पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई दी. हालांकि कांग्रेस में राज्यसभा उम्मीदवारों के लिए कई नामों पर अटकलें लगाई जा रही थी. उनमें से कमलनाथ भी थे. हालांकि कमलनाथ इन अटकलों को सिरे से खारिज किया था. 

कौन हैं अशोक सिंह?

मध्य प्रदेश में अशोक सिंह को ज्योतिरादित्य सिंधिया के धुर विरोधी नेता के तौर पर देखा जाता रहा है. सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद ग्वालियर-चंबल सीट पर कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं था. कांग्रेस ने अशोक सिंह को उम्मीदवार बना कर एक बड़े वर्ग को साधने की कोशिश की है. अशोक सिंह को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने पर पार्टी में सवाल खड़े हुए थे. हालांकि पार्टी आलाकमान ने इसको सिरे से खारिज करते हुए अशोक सिंह को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है. 

इसकी एक बड़ी वजह ये थी ग्वालियर से अशोक सिंह तीन बार लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं. अशोक सिंह इससे पहले कांग्रेस के कोषाध्यक्ष भी रहे हैं, इसके अलावा वह मध्य प्रदेश कांग्रेस के अनुशासन समिति के अध्यक्ष भी हैं.  लोकसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित होने पर अशोक सिंह ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे सहित अन्य लोगों का आभार जताया है. अशोक सिंह का शुमार पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के करीबी नेताओं में किया जाता है.

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