श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में एक बड़ी जानकारी सामने आई है. इसमें बताया गया है कि मुगल शासक औरंगजेब ने मथुरा में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. इसका खुलासा आरटीआई में मांग गई जानकारी के आधार पर हुआ है. आरटीआई में आगरा के पुरातत्व विभाग ने बताया कि औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़कर बनवाई गई मस्जिद के स्थान पर ही शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण हुआ है.
दरअसल, मैनपुरी के अजय प्रताप सिंह ने देशभर के मंदिरों के बारे में आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी. इसमें मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर भी जानकारी मांगी गई थी. इसके जवाब में भारतीय पुरातत्व विभाग ने ब्रिटिश हुकूमत में वर्ष 1920 में प्रकाशित गजट के आधार पर दावा करते हुए जवाब दिया कि मस्जिद के स्थान पर पहले कटरा केशवदेव मंदिर था. जिसे ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण किया गया.
कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप ने बताया कि बिट्रिश हकूमत में संचालित जनकार्य विभाग के बिल्डिंग एंड रोड सेक्शन के द्वारा 1920 में इलाहाबाद से प्रकाशित कराए गए गजट में दर्ज उत्तर प्रदेश के विभिन्न जगहों के 39 स्मारकों की सूची उपलब्ध कराई थी. इस सूची में 37 नंबर पर कटरा केशव देव भूमि पर श्री कृष्ण भूमि का उल्लेख है. इसमें लिखा है कि कटरा टीले पर पहले केशव देव मंदिर था. यह ध्वस्त कर दिया गया था और उस स्थान का प्रयोग मस्जिद के लिए किया गया था.
कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर शामिल करेंगे : वकील
कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में साक्ष्य के तौर पर इसे शामिल करेंगे, जिसमे कहा गया एएसआई ने बताया कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है, जहां पर कटरा केशव देव का मंदिर था. 1920 के गजट में किलियार किया गया है. 39 स्मारक में 37 नंबर पर यह दर्ज है. यह गेवरमेंट का बजट है. स्थित एकदम स्पष्ट है. कोर्ट कमिशन को स्टे को ब्रेकेट करके इसको कमिशन जारी करे इस पत्र के जरिए सुप्रीम कोर्ट में भेजेंगे.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद क्या है?
बता दें कि मथुरा का विवाद भी कुछ-कुछ अयोध्या की तरह ही है. हिंदुओं का दावा है कि मथुरा में औरंगजेब ने मंदिर तुड़वाकर वहां मस्जिद बनवाई थी. औरंगजेब ने 1670 में मथुरा में भगवा केशवदेव का मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था. इसके बाद शाही ईदगाह मस्जिद बना दी गई. मथुरा का ये विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा बताता है और इस जमीन पर भी दावा किया गया है. हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये जमीन भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है.