इस्लामाबाद: पाकिस्तान में चुनाव से ठीक पहले सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के इशारे पर पीटीआई नेता और पूर्व पीएम इमरान खान के खिलाफ अदालती कार्रवाई तेज हो गई है। साइफर मामले के बाद अब तोशाखाना मामले में भी इमरान खान को विशेष अदालत ने सजा सुनाई है। स्पेशल कोर्ट ने इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके अलावा उनके खिलाफ 15 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया गया है। यही नहीं इमरान और बुशरा दोनों ही के पीएम बनने के रास्ते को बंद करते हुए सार्वजनिक पद धारण करने पर 10 साल के लिए रोक लगा दी गई है। तोशाखाना विवाद में सबसे चर्चित मामला सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की हीरे जड़ी घड़ी से जुड़ा हुआ है।
दरअसल, इमरान खान प्रधानमंत्री बनने के बाद सऊदी अरब के सरकारी दौरे पर गए थे। रियाद में सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने दोस्त इमरान खान का जोरदार स्वागत किया था। इमरान खान को सऊदी शहज़ादे ने जो हीरे से जड़ी घड़ी और सोने के गहने गिफ्ट में दिए थे जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये या 2 मिलियन डॉलर के करीब थे। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक सऊदी क्राउन प्रिंस द्वारा उपहार में दिए गए सामानों में एक खास घड़ी, सोने की कलम, अंगूठी और कफ़लिंक का सेट था। इमरान खान और बुशरा बीबी ने मिलकर इसे अपने पास रख लिया और पाकिस्तान के सरकारी तोशाखाना में जमा नहीं कराया।
इमरान ने घड़ी बिचवाकर लिए थे पैसे
यही नहीं इमरान खान ने इसे पाकिस्तान में बेचकर पैसा कमाने की कोशिश की लेकिन उसे बेचा नहीं जा सका। इसके बाद इमरान खान की एक करीबी दोस्त फराह शेहजादी उर्फ गोगी ने उसे दुबई में बेच दिया। दुबई के बिज़नेसमैन उमर फारूक, जिसने यह सेट खरीदा था, उसने बताया कि वह अनोखी घड़ियों का कलेक्टर है। उन्होंने कहा कि इमरान खान की टीम के प्रमुख मिर्जा शहज़ाद अकबर ने उनसे संपर्क किया था कि क्या वह एक खास घड़ी खरीदने में इच्छुक हैं। जब उन्होंने हामी भरी, तो बातचीत शुरू हुई। फारूक ने बताया कि वह घड़ी और बाकी सामान को एक घड़ी व्यापारी के पास प्रमाणित कराने ले गए।
फारूक ने कहा, ‘मैंने उनसे पूछा कि यह किस तरह की घड़ी है, तो उन्होंने बताया कि यह ग्राफ की हीरे की बनाई गई एक खास घड़ी है, जिस पर काबा का चित्र बना है और यह एक बेहतरीन कलाकृति है।’ उन्होंने बताया कि इस घड़ी की कीमत 5 से 7 मिलियन डॉलर मिलने को अच्छा बताया गया था। हालांकि इसकी बाजार कीमत 12 से 13 मिलियन डॉलर है। दोनों के बीच मोलभाव के बाद घड़ी के लिए 2 मिलियन डॉलर देने पर सहमति बनी। कम पैसा देने की वजह यह थी कि इमरान खान चाहते थे कि उन्हें यह पैसा नकद में दिया जाए। फारूक ने कहा कि उन्होंने घड़ी के मालिक के प्रतिनिधि को यह पैसा नकद में दिया। बता दें कि घड़ी बेचे जाने की जानकारी सऊदी प्रिंस तक पहुंच गई और वह इमरान खान की इस घटिया हरकत पर काफी नाराज हो गए थे।