अरुणाचल प्रदेश के तवांग तैयार की गई सेला सुरंग का उद्घाटन थर्ड पार्टी सेफ्टी ऑडिट के बाद किया जाएगा. इस बात की जानकारी बॉर्डर रोड ओर्गजाइजेशन (BRO) के एक अधिकारी ने दी. इस परियोजना से अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हर मौसम में कनेक्टिविटी मिलेगी.
बीआरओ के अतिरिक्त महानिदेशक (ईस्ट) पीकेएच सिंह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि इस साल फरवरी के मध्य तक ऑडिट पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरंग का उद्घाटन कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, “13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है, जबकि कॉन्ट्रेक्ट में शामिल फिजिकल और पर्यावरणीय ऑडिट पहले हो चुके हैं और उनके रिजल्ट भी पॉजिटिव आए हैं.”
LAC के करीब है सुरंग
सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में सिल्कयारा सुरंग हादसे के बाद बीआरओ महानिदेशक ने सेला सुरंग के थर्ड पार्टी ऑडिट का आदेश दिया था, क्योंकि यह सुरंग वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब है और यह रणनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है.
सेना की क्षमताओं को बढ़ाना है उद्देश्य
उन्होंने कहा कि सेला दर्रे के पास सुरंग की आवश्यकता थी क्योंकि भारी बारिश, बर्फबारी और भूस्खलन के कारण बालीपारा-चारिदवार-तवांग रोड लंबे समय तक बंद रहता है. सिंह ने बताया, “इसका सुरंग का उद्देश्य एलएसी पर सेना की क्षमताओं को बढ़ाना है. यह भारत-चीन सीमा पर मौजूद अग्रिम इलाकों में सैनिकों, हथियारों और मशीनरी की त्वरित तैनाती सुनिश्चित करेगी.”
2019 में पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला
प्रधानमंत्री ने इस परियोजना की नींव फरवरी 2019 में रखी गई थी, जिसकी लागत अनुमानित 697 करोड़ रुपये थी, लेकिन कोविड महामारी सहित विभिन्न कारणों से इसके काम में देरी हुई. सिंह ने कहा, “इस परियोजना में दो सुरंगें शामिल हैं. पहली सुरंग 980 मीटर लंबी सिंगल-ट्यूब सुरंग है और दूसरी 1.5 किमी लंबी है, जिसमें आपात स्थिति के लिए एक एस्केप ट्यूब भी मौजूद है.”