मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी एक बार फिर से ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमलावर हुए हैं. पीसीसी चीफ पटवारी ने एक बार फिर से ऐसी बात बोल दी, जिसके बाद सिंधिया का नाराज होना स्वभाविक है, क्योंकि वो मामला सिंधिया की दुखती रग जैसा है. उन्होंने एक बार फिर कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का चेहरा नहीं थे. सामूहिक नेतृत्व ही कांग्रेस का चेहरा था.
जीतू पटवारी चंबल अंचल के दौरे पर हैं और भिंड जिले में वे पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस दौरान पीसीसी चीफ कहा कि 2018 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने सामूहिक नेतृत्व में लड़ा था. सिंधिया कोई कांग्रेस का चेहरा नहीं थे. ये बात बिना वजह ही उड़ाई गई है.
पटवारी ने कहा कि जैसे मैं पीसीसी अध्यक्ष हूं लेकिन नेतृत्व सामूहिक है. उसी तरह से 2018 के विधानसभा चुनाव में भी था. सिंधिया के भरोसे या उनके चेहरे पर कांग्रेस ने तब चुनाव नहीं लड़ा था. जीतू पटवारी के इस बयान के बाद एक बार फिर से सिंधिया की कांग्रेस में स्थिति को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो सकती है.
दरअसल, इन्हीं सब बातों की वजह से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन की थी और मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार बनवा दी थी. लेकिन आज भी कांग्रेस इस बात को स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन और सरकार बनने की वजह सिंधिया थे. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के अनुसार तब भी सफलता की मुख्य वजह कांग्रेस का सामूहिक नेतृत्व था.
पटवारी ने आगे कहा कि न तो मोहन यादव और न ही शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस के दुश्मन हैं. वे हमारे भी सीएम हैं. लेकिन बीजेपी ने चुनाव लड़ा शिवराज सिंह चौहान को आगे करके, उनके कई दावों को लेकर चुनावी मैदान में गए, लेकिन जब चुनाव जीत गए तो शिवराज सिंह चौहान को हटाकर मोहन यादव को सीएम बना दिया. पटवारी ने कहा कि जल्द ही I.N.D.I.A. के बीच सीट शेयरिंग को लेकर सारे मसले सुलझा लिए जाएंगे और सामूहिक रूप से बीजेपी के खिलाफ देश में चुनाव लड़ा जाएगा.