‘हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं, ये एक धोखा है’- स्वामी प्रसाद मौर्य, अखिलेश यादव की चेतावनी का नहीं दिखा असर

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की चेतावनी के बाद भी स्वामी प्रसाद मौर्य की ज़ुबान पर लगाम नहीं लग पाई है. महाब्राह्मण सभा के महज 24 घटों के भीतर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिन्दू धर्म को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया और कहा हिन्दू धर्म को एक धोखा बता दिया. उन्होंने कहा कि जब भी वो ये बात कहते हैं तो लोगों को भावनाएं आहत हो जाती है लेकिन जब मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कहते हैं तो किसी को कुछ नहीं होता. 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, हिन्दू धर्म एक धोखा है, वैसे भी 1995 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि हिन्दू कोई धर्म नहीं, ये लोगों के जीवन जीने की शैली है. यही नहीं जो सबसे बड़े धर्म के ठेकेदार बनते हैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा है एक नहीं दो-दो बार कहा कि हिन्दू नाम को कोई धर्म नहीं है बल्कि लोगों का जीवन जीने की एक कला है. 

हिन्दू धर्म पर की विवादित टिप्पणी
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा, देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी कहा कि हिन्दू धर्म, धर्म नहीं है. लेकिन इन लोगों के कहने से किसी भावना आहत नहीं होती है अगर स्वामी प्रसाद मौर्य कह देते हैं कि हिन्दू धर्म, धर्म नहीं है बल्कि एक धोखा है और जिसे हम हिन्दू धर्म कहते हैं वो कुछ लोगों के लिए धंधा है. जब हम कहते हैं कि ये उन लोगों के लिए धंधा है तो पूरे देश में भूचाल मच जाता है. लेकिन वही चीज अगर मोहन भागवत कहते हैं, नरेंद्र मोदी जी कहते है और गडकरी जी कहते हैं तो इनकी भावनाएं आहत नहीं होती, लेकिन यही बात अगर स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो लोगों की भावनाएं इतनी कमजोर होती है कि उनकी भावनाएं आहत हो जाती है. 

स्वामी प्रसाद मौर्य का ये बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाब्राह्मण सभा में कहा था कि हिन्दू धर्म के खिलाफ टिप्पणियों पर अंकुश लगाया जाएगा. उन्होंने पार्टी के नेताओं के नसीहत दी थी कि वो किसी भी धर्म और जाति को लेकर कोई टिप्पणी न करें. इसके बाद लगा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य हिन्दू धर्म के ख़िलाफ़ कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. लेकिन लगता है अखिलेश की चेतावनी का मौर्य पर कोई असर नहीं पड़ा है. 

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