जम्मू: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ‘पीपल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट’ (PAFF) नाम के आतंकी संगठन ने ली है। इसे पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखौटा माना जाता है, जो पहली बार 2019 में चर्चा में आया था। इस हमले के लिए आतंकियों ने अमेरिका में बनी M-4 कार्बाइन का इस्तेमाल किया, जिसमें स्टील की बुलेट इस्तेमाल होती हैं और ये आसानी से गाड़ी और स्टील को भेद सकती हैं। सुरनकोट थाना इलाके में ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच गुरुवार की दोपहर बाद हुए इस हमले में 5 जवान शहीद हुए हैं और दो अन्य की हालत गंभीर है।
शुक्रवार को आतंकियों की तलाश में बड़े पैमाने पर इलाके की घेराबंदी की गई। हवाई निगरानी के साथ डॉग स्क्वॉड भी लगाया गया है। नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA की टीम भी मौके पर है। सेना की 16वीं कोर के GOC लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन ने भी इलाके का दौरा किया है और पुलिस के टॉप अफसरों के साथ हालात की समीक्षा की। सेना ने डेरा की गली से कुछ स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया है, इनसे पूछताछ की जा रही है।
कुछ के हथियार भी लूट लिए
माना जा रहा है कि तीन से चार हथियारबंद आतंकवादियों ने पहाड़ों से सेना की गाड़ियों को निशाना बनाया। हमले के बाद आतंकियों ने दो सैनिकों के शवों को क्षत-विक्षत किया और कुछ के हथियार भी लूट लिए। रक्षा विशेषज्ञों ने रजौरी-पुंछ इलाकों में आतंकी घटनाओं में बढ़त पर चिंता जताई है। दो साल में पीर पंजाल के इस पहाड़ी इलाके में मुठभेड़ के दौरान 34 सैन्यकर्मी शहीद हुए हैं।
पुंछ और राजौरी में 30 आतंकी सक्रिय
रक्षा सूत्रों का कहना है कि राजौरी-पुंछ सेक्टर में 30 के करीब पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय हैं। ये आतंकी जंगलों में छिपे रहते हैं और मौका मिलने पर सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं। ये आतंकी जैश के मुखौटा संगठन PAFF या लश्कर के TRF से जुड़े हैं। इनके 75-100 स्थानीय समर्थक भी हैं, जो जम्मू और कश्मीर रीजन में सक्रिय हैं। ये आतंकी संगठन ‘गुरिल्ला वॉर’ तकनीक का इस्तेमाल करते हैं और सुरक्षाबलों पर छोटी-छोटी टुकड़ियों में छिपकर हमला करते हैं। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इन हमलों के पीछे चीन और पाकिस्तान का गेम प्लान है। इन दोनों देशों की कोशिश है कि आतंकी हमलों से सेना का ध्यान जम्मू-कश्मीर की ओर खींचा जाए, और वह लद्दाख और अन्य जगहों पर तैनाती कम करे।
बढ़ते हमलों से राजनीतिक दल चिंतित
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ में हाल के दिनों में आतंकवाद की घटनाओं में बढ़त पर चिंता जताई और सरकार से लोगों में सुरक्षा की भावना को फिर से बहाल करने के लिए तुरंत कदम उठाने की मांग की। कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने कहा कि देश के सुरक्षाबलों पर हमला खुली चुनौती है। राजौरी-पुंछ में फिर से आतंकवाद पनप रहा है, लेकिन सरकार कह रही है कि इलाके में शांति है। बीजेपी ने कहा कि पाकिस्तान को इलाके में फिर से आतंकवाद को जीवित करने नहीं दिया जाएगा। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने हमले की तुलना पुलवामा अटैक से की है।