दिल्ली के शराब घोटाले में आरोपी और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उन्होंने जमानत याचिका खारिज किए जाने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए रिव्यू पिटीशन दाखिल की है.
सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि जांच एजेंसी 338 करोड़ रुपये के लेनदेन की बात अस्थाई रूप से साबित कर पाई है.
लगभग आठ महीने से जेल में बंद सिसोदिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से पहले ही खारिज हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर 6 से 8 महीने में ट्रायल पूरा नहीं होता है या अगले तीन महीने में ट्रायल की रफ्तार धीमी रहती है तो वो जमानत याचिका फिर से दाखिल कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट से पहले दिल्ली हाईकोर्ट भी सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है. मई में हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि सिसोदिया पर काफी गंभीर आरोप हैं. हाईकोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया का इस मामले में व्यवहार भी सही नहीं रहा है. वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. इनके पास 18 विभाग रहे हैं. पूर्व डिप्टी सीएम भी रहे हैं. इसलिए उनको जमानत नहीं दी जा सकती.
शराब घोटाले मामले में सीबीआई ने इस साल 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. इसके बाद 9 मार्च को भी ईडी ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था. तब से ही सिसोदिया जेल में हैं.
ईडी शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की जांच कर रही है. इस मामले में अदालत ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 11 दिसंबर तक बढ़ा दिया है. वहीं, सीबीआई के केस में सिसोदिया को 22 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.