कौन हैं पूर्व कांग्रेसी हरप्रीत कौर बाबला, जिन्होंने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पलट दी आप-कांग्रेस

चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में बड़ा उलट-फेर करते हुए भाजपा की हरप्रीत कौर बाबला ने बड़ी सफलता हासिल की है। गुरुवार को वह चंडीगढ़ नगर निगम की नई महापौर चुनी गईं। उन्होंने आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार प्रेम लता को महज दो वोटों के अंतर से हरा दिया। बाबला को 19 और लता को 17 मत मिले थे। कोई भी मत अमान्य नहीं पाया गया। पीठासीन अधिकारी रमणीक सिंह बेदी ने चुनाव परिणाम की घोषणा की। इस पद के लिए मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के बीच था।

35 सदस्यों वाले चंडीगढ़ नगर निगम में आम आदमी पार्टी के 13 और उसकी सहयोगी कांग्रेस के 6 पार्षद हैं, जबकि भाजपा के 16 पार्षद हैं। इसके अलावा, चंडीगढ़ के सांसद को भी इसके पदेन सदस्य के रूप में मतदान का अधिकारहोता है। फिलहाल कांग्रेस के मनीष तिवारी चंडीगढ़ के सांसद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम चुनाव के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश जयश्री ठाकुर को स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त किया था।

कौन हैं हरप्रीत कौर बाबला

भाजपा का परचम लहराने वाली हरप्रीत कौर बाबला पूर्व कांग्रेसी हैं। उनकी उम्र 60 साल है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2001 में कांग्रेस के साथ की थी, जब वह पहली बार वार्ड काउंसलर चुनी गई थीं। वह तीन बार पार्षद रही हैं। 2021 में भी वह वार्ड नंबर 10 से कांग्रेस के टिकट पर ही वह चुनाव जीती थीं। हरप्रीत कौर देहरादून स्थित कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल की पूर्व छात्रा हैं। उनके पिता रिटायर्ड कर्नल हैं, जबकि पति देविंदर सिंह बाबला कांग्रेस से पूर्व पार्षद हैं।

चंडीगढ़ में इतिहास रचने वालीं हरप्रीत कौर इतिहास विषय में स्नातक और अंग्रेजी में परस्नातक (MA) हैं। शुरुआत से ही हरप्रीत और उनके पति देविंदर कांग्रेस में ही थे लेकिन उस पार्टी में अपनी लंबी पारी को खत्म कर दोनों ने 2022 में भाजपा का दामन थाम लिया था। देविंदर सिंह बबला चंडीगढ़ भाजपा इकाई के उपाध्यक्ष हैं। अब हरप्रीत चंडीगढ़ की मेयर चुनी गई हैं। भाजपा उम्मीदवार की जीत इस ओर इशारा करती है कि मतदान के दौरान क्रॉस वोटिंग हुई है। भाजपा पहले से ही आश्वस्त थी कि इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग होगी और उसे 19 वोट मिलेंगे।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *