ISRO पर रोज 100 से ज्यादा साइबर अटैक:सोमनाथ बोले- रॉकेट में यूज होने वाली चिप का सॉफ्टवेयर चुराने की कोशिश, पर हमारा सिस्टम सेफ

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के सॉफ्टवेयर पर हर दिन 100 से ज्यादा साइबर अटैक होते हैं। ISRO चीफ एस सोमनाथ ने शनिवार को केरल के कोच्चि में दो दिवसीय इंटरनेशनल साइबर कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।

सोमनाथ ने कहा- रॉकेट तकनीक में साइबर हमलों की संभावना बहुत अधिक होती है, क्योंकि इसमें एडवांस सॉफ्टवेयर और चिप का इस्तेमाल किया जाता है। यह खतरा कितना भी बड़ा हो, ISRO ऐसे हमलों से बचने के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। हमारा सिस्टम साइबर सुरक्षा नेटवर्क से लैस है। इसमें किसी तरह से सेंध नहीं लगाई जा सकती।

समय के साथ टेक्नोलॉजी बदल रही है, हमें भी अपडेट होना होगा
इसरो प्रमुख ने आगे कहा कि सॉफ्टवेयर के अलावा, संगठन रॉकेट के अंदर हार्डवेयर चिप्स की सुरक्षा पर भी फोकस कर रहा है। इसके लिए अलग-अलग प्रकार से टेस्टिंग की जा रही है।

सोमनाथ ने कहा- पहले हम एक सैटेलाइट की निगरानी करने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करते थे। अब वही काम कई सैटेलाइट के लिए किया जा रहा है। इससे पता चलता है समय के साथ टेक्नोलॉजी बदल रही है। हमको उसी के हिसाब से अपडेट होना होगा।

सोमनाथ ने आगे कहा, आम लोगों के डेली रूटीन में मदद करने वाले कई सैटेलाइट भी मौजूद हैं। इन सभी को विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर द्वारा कंट्रोल किया जाता है। इन सभी की सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ले सकते हैं मदद
साइबर हमलों के बारे में बोलते हुए सोमनाथ ने आगे कहा – एडवांस्ड टेक्नोलॉजी हमारे लिए एक वरदान भी है और खतरा भी। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी टेक्नीक का इस्तेमाल कर साइबर क्राइम की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। इसके लिए बेहतर रिसर्च और कड़ी मेहनत करनी होगी।

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