भोपाल। राजधानी से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में बिना किसी सरकारी अनुमति के बनाई जा रही 24 अवैध कॉलोनियों में प्लाट लेने वालों की न तो रजिस्ट्री हो सकेगी और न ही नामांतरण। प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी है। इसके पहले कृषि भूमियों पर बिना किसी अनुमति के प्लाट काट रहे भूमाफियाओं के खिलाफ कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
यह एफआईआर मप्र ग्राम पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के उल्लंघन पाए जाने पर दर्ज कराई गई है। दरअसल, डायवर्सन, कॉलोनाइजर लाइसेंस, टीएंडसीपी परमिशन को लेकर कलेक्टर ने नोटिस दिए थे। नोटिस की समय-सीमा निकलने के बाद भी कॉलोनाईजर्स दस्तावेज पेश नहीं कर सकेथे। जिसके बाद इनके खिलाफ संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश एसडीएम को दिए गए थे।
खरीदी-बिक्री पर लगेगी रोक
प्रशासन के सर्वे में सामने आया था कि इन अवैध कॉलोनियों में सड़क-बिजली, सीवेज जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं दी गई हैं। ऐसे में यहां पर खाली प्लाटों को नीलाम करके विकास कार्य कराए जाएंगे। साथ ही नामांतरण और रजिस्ट्री पर रोक लगाने से प्लाटों की खरीदी-बिक्री पर भी रोक लगेगी। भू-माफिया रोक के बाद जमीन नहीं बेच सकेगा।
अभी एफआईआर की बढ़ेगी संख्या
बताया जा रहा है कि पंचायतों में बिना किसी अनुमति के अवैध कॉलोनियों का निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्ती जारी रहेगी। 56 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने के बाद करीब 40 लोगों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की तैयारी है। सूत्रों की माने तो इनके मामले कलेक्टर के पास हैं। एक-दो दिन में इन प्रकरणों पर आदेश हो सकते हैं। यह कॉलोनियां कलखेड़ा, सिकंदराबाद, खारपा, ईंटखेड़ा, फंदा सहित अन्य पंचायतों की है।
राजनीतिक दबाव के कारण नहीं हो पा रही कार्रवाई
सूत्रों की माने तो प्रशासन कार्रवाई तो कर रहा है, लेकिन आज भी ढेरों अवैध कॉलोनियां हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इन पर राजनीति दबाव होने के कारण अफसर भी कार्रवाई करने से बच रहे हैं। जबकि यह कॉलोनियां 15 से 20 एकड़ क्षेत्र में आकार ले रही हैं। यह स्थिति हुजूर, कोलार, बैरसिया में देखी जा सकती है। कोलार और बैरसिया में तो मुख्य मार्गो में ही अवैध कॉलोनियां देखी जा सकती है।
इन पंचायतों में लगेगी रोक
सेवनिया ओंकारा, कुराना, छावनी पठार, सिकंदराबाद, कोलुआखुर्द, अरेडी शामिल हैं। एक दर्जन से अधिक कॉलोनियां कुराना पंचायत में ही आकार ले रही है। इसके साथ ही छावनी पठार में भी करीब आधा दर्जन कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है।