नई दिल्ली: अमेरिका और यूरोप में मंदी की आशंका अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है जबकि चीन में रियल एस्टेट संकट ने बैंकिंग सेक्टर को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। लेकिन भारत की इकॉनमी तेजी से बढ़ रही है। वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाओं के मुताबिक भारत 2023 में भी सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकॉनमी होगी। भारत की इकॉनमी के इस साल 6.3% की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है। बड़ी इकॉनमी वाले देशों में भारत की रफ्तार सबसे ज्यादा रहने की उम्मीद है। भारत के बाद इस लिस्ट में बांग्लादेश का नाम है। इस पड़ोसी देश की इकॉनमी के इस साल छह फीसदी की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है।
इस लिस्ट में तीसरा नाम दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया का है। उसकी इकॉनमी के इस साल 5.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है। फिलीपींस की इकॉनमी 5.3 परसेंट की रफ्तार से बढ़ सकती है। आर्थिक मोर्च पर कई तरह की मुश्किलों का सामना कर रहे चीन की इकॉनमी की रफ्तार इस साल पांच परसेंट रहने का अनुमान है। इंडोनेशिया भी इसी रफ्तार से बढ़ सकता है। यूरोप का बीमार कहे जाने वाले तुर्की की जीडीपी की रफ्तार इस साल चार परसेंट रह सकती है जबकि यूएई 3.4 परसेंट, मेक्सिको 3.2 परसेंट और ब्राजील 3.1 परसेंट की रफ्तार से बढ़ सकते हैं।
पाकिस्तान का हाल
दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी अमेरिका की इकॉनमी इस साल 2.1 परसेंट की रफ्तार से बढ़ सकती है जबकि यूक्रेन के साथ युद्ध फंसा रूस 2.2 परसेंट की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। जापान की जीडीपी रफ्तार दो परसेंट, कनाडा की 1.3 परसेंट, फ्रांस की एक परसेंट, सऊदी अरब की 0.8 परसेंट, इटली की 0.7 परसेंट और यूके की 0.5 परसेंट रहने की उम्मीद है। वहीं सबसे बुरी स्थिति अर्जेंटीना की नजर आ रही है। कभी दुनिया के विकसित देशों में शुमार अर्जेंटीना की इकॉनमी के निगेटिव 2.5 परसेंट की रफ्तार से बढ़ने की आशंका है। इसी तरह एस्तोनिया, स्वीडन, पाकिस्तान, जर्मनी, लिथुआनिया और फिनलैंड में इकॉनमी के निगेटिव में रहने का अनुमान है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में इस साल जीडीपी विकास दर निगेटिव 0.5 परसेंट रहने का अनुमान है।