ग्वालियर में रविवार को जीवाजी विश्वविद्यालय के 60वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने जीवाजी राव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि जीवाजी राव ने आजादी के बाद जनता की सेवा, शिक्षा के लिए अविस्मरणीय काम किया। महाराज जीवाजी राव जानते थे कि शिक्षा समानता लाती है, शिक्षा जागरूकता लाती है, शिक्षा से ही लोकतंत्र और संविधान है।
कार्यक्रम में उनके साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री तुलसी सिलावट सहित कई विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
उप राष्ट्रपति धनखड़ करीब 3 घंटे से ज्यादा समय तक ग्वालियर में रहे। वे जयविलास पैलेस भी पहुंचे। उनके आगमन पर एयरपोर्ट से लेकर कार्यक्रम स्थल तक 1800 जवान व अफसर सुरक्षा में तैनात किए गए थे।
ज्योतिरादित्य में भविष्य का विजन
कार्यक्रम के दौरान उप राष्ट्रपति ने कहा आज का दिन मेरे लिए सदैव अविस्मरणीय रहेगा। मैंने सिंधिया परिवार की तीन पीढ़ियों की राजनीति को देखा है। मुझे 1989 में राजमाता का आशीर्वाद मिला, जो आज मुझे इस मुकाम पर ले आया है।
माधवराव जी संसद के माधव (कृष्ण) थे। माधवराव ने सभी मंत्रालय में अपने काम से अमिट छाप छोड़ी है। रेल मंत्रालय में जो काम किया वो सब जानते हैं। उनके काम और आकर्षण को शब्दों में बयां नही किया जा सकता। मुसीबत-दुख के समय माधवराव सबसे पहले फोन करते थे। आज संसद में माधव की ज्योति ( ज्योतिरादित्य) को अनुभव कर रहा हूं। दुनिया आज सिंधिया परिवार की सेवा और परंपरा का लोहा मानती है।
जीवाजी राव ने आजादी के बाद जनता की सेवा, शिक्षा के लिए अविस्मरणीय काम किया। उनकी मूर्ति के अनावरण पर आज का दिन मेरे लिए भावुक दिन है। महाराज जीवाजी राव जानते थे कि शिक्षा समानता लाती है, शिक्षा जागरूकता लाती है, शिक्षा से ही लोकतंत्र और संविधान है। महाराज में जनता की सेवा के लिए हमेशा ऊर्जा रहती थी। आज ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उनके नक्शे कदम पर चल रहे है। सिंधिया के पास भविष्य के लिए विजन है, आज भविष्य के लिए ठोस विजन की जरूरत भी है।
उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने कहा कि PM नरेंद्र मोदी ने तीस साल बाद देश की शिक्षा नीति बनाई है। वो भारत के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी। आज जमाना बदल गया है। हम टेक्नोलॉजी में मजबूत है। आज हम विदेशों को निर्यात करते हैं। युवा अपनी प्रतिभा का का उपयोग करते हैं। AI का जमाना है, लेकिन इसमें संस्थाओं को जागरूक रहना जरूरी है। क्वालिटी एजुकेशन जरूरी है। चिंता का विषय है कि शिक्षा को व्यवसाय की बजाए सेवा के रूप में लेना चाहिए। मैं जीवाजी विश्विद्यालय के छात्रों को इंडियन पार्लियामेंटमेंट में आमंत्रित करता हूं।
ग्वालियर के लिए आज ऐतिहासिक दिन
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ग्वालियर के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। आज जियो साइंस म्यूजियम का उद्घाटन और श्रीमंत जीवाजी राव जी की प्रतिमा का अनावरण हुआ है। जीवाजी महाराज सिंधिया परिवार के गौरव को आगे बढ़ाया। महाराज जीवाजी राव ने देश- प्रदेश में शिक्षा, संगीत, कला के लिए ऐतिहासिक काम किया है। आज उनकी प्रतिमा का अनावरण हुआ है, आज का दिन ऐतिहासिक है। ग्वालियर के लिए भी आज ऐतिहासिक दिन है।
शिक्षा के लिए सिंधिया परिवार ने सेवा का काम किया
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि शिक्षा जगत के लिए सिंधिया परिवार ने सेवा का काम किया है। मेरे दादा जीवाजी राव ने लोक शिक्षा के लिए 60 साल पहले जीवाजी विश्वविद्यालय स्थापित करवाया था। जीवाजी विश्वविद्यालय आज दुनियाभर में प्रसिद्ध संस्थान बन गया है। जीवाजी विश्वविद्यालय के आठ जिलों के 484 महाविद्यालयों में डेढ़ लाख छात्र शिक्षा पा रहें हैं।
जीवाजी विश्विद्यालय आज देश की टॉप-10 यूनिवर्सिटी में शामिल है। मेरे दादा जीवाजी राव ने मथुरा में संगीत विश्वविद्यालय भी स्थापित कराया था। उज्जैन में भगवान कृष्ण की शिक्षा-स्थली सांदीपनी आश्रम का जीर्णोद्धार सिंधिया परिवार ने कराया। गजराराजा यूनिवर्सिटी (मेडिकल कॉलेज) की स्थापना भी हमारे पूर्वजों ने की थी।