उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. मतदाताओं को रिझाने के लिए लगातार सियासी दिग्गज रैली और सभा कर वोट मांग रहे हैं. उपचुनाव में इंडिया गठबंधन के घटक दल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक साथ चुनाव लड़ रही हैं. हालांकि सभी की नजरें इस बात पर हैं कि आखिर कांग्रेस इस चुनाव में कब उतरेगी.
जानकारी के अनुसार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी उप चुनाव में संयुक्त रूप से प्रचार करेगी. लोकसभा चुनाव के तर्ज़ पर दोनों दलों के नेता एक मंच एक प्रत्याशी एक स्लोगन के साथ मैदान में उतरेंगे. छठ के बाद दोनों पार्टियों के कैम्पेन का शेड्यूल मीडिया के सामने रखा जाएगा. कांग्रेस उपचुनाव में पूरी ताकत के साथ लगेगी ताकि गठबंधन के वोटर्स में कोई संदेह ना रहे.
कांग्रेस चाहती है बना रहे मोमेंटम
इसके साथ ही दोनों दलों के प्रदेश अध्यक्षों की संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होगी. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष उपचुनाव वाले जिलों के समजवादी जिलाध्यक्ष के साथ एक ही गाड़ी में बैठकर चुनाव प्रचार पर निकलेंगे. कांग्रेस ये संदेश देना चाहती है कि जो मोमेंटम लोकसभा चुनाव में बना था वो बना रहे 2027 तक, ताकि भाजपा विरोधी वोट INDIA गठबंधन के साथ एकजुट रहे.
कांग्रेस और सपा के बीच टिकट बंटवारे को लेकर जो संशय पैदा हुआ था और जो गठबंधन के अंदर विरोधाभास दिखा था उसे खत्म करने के लिये दोनों दलों के हाईकमान ने मिलकर ये फैसला लिया है.
बता दें, यूपी चुनाव में कांग्रेस ने भी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ने की मंशा जताई थी. हालांकि समाजवादी पार्टी से सीट बंटवारे पर बात नहीं बनने पर कांग्रेस ने उपचुनाव में न उतरने का फैसला किया है. इसको लेकर कई जगह कांग्रेस नेताओं में विरोध भी देखने को मिला.
उपचुनाव का शेड्यूल
यूपी की सभी 9 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होना था, लेकिन अब वोटिंग एक हफ्ते बाद यानी 20 नवंबर को होगी और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. प्रदेश की फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां, खैर, मीरापुर, सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है.