अमेरिका में चल गया ट्रंप कार्ड, भारतीय शेयर बाजारों ने मनाई दिवाली, चीनी पटाखे होने लगे फुस्स!

नई दिल्ली. अमेरिका में चुनाव का नतीजा अब लगभग साफ दिखने लगा है. कमला हैरिस के मुकाबले डोनाल्ड ट्रंप काफी आगे चल रहे हैं. ऐसे में निवेशकों को शेयर बाजार से अच्छी उम्मीद है. इसी उम्मीद में भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी50 ने 6 नवंबर को लगातार दूसरे सत्र में बढ़त हासिल की. उधर, चीन के बाजारों में प्रेशर नजर आया.

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की वापसी से भारत के लिए बेहतर संभावनाएं बन सकती हैं, खासकर अमेरिकी की चीन+1 नीति में तेजी आने से भारत को फायदा हो सकता है. एंलिस्ट्स का कहना है कि रिपब्लिकन की जीत से भारत में विदेशी निवेश में तेजी आ सकती है, लेकिन लाभ का निरंतर रहना आय वृद्धि और स्थिर मूल्यांकन जैसे बुनियादी कारकों पर निर्भर करेगा, जो फिलहाल कुछ चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

सुबह 10:27 बजे सेंसेक्स 499.77 अंक (0.63) की बढ़त के साथ 79,976.40 पर था, जबकि निफ्टी 151.80 अंक (0.63%) की बढ़त के साथ 24,365.10 पर पहुंच गया. आईटी सेक्टर में सबसे अधिक तेजी देखने को मिली. एडवांस डिक्लाइन में 1947 शेयर ग्रीन कलर में नजर आए, जबकि 440 गिरे हुए थे. भारत के मुकाबले चीन के मुख्य इंडेक्स हेंग शेंग (Hang Seng) में 547.71 अंकों (-2.61 फीसदी) की गिरावट दिखी.

छोटे और मिडकैप शेयरों के मामले में भी खरीदारी जारी रही. बीएसई स्मॉलकैप और बीएसई मिडकैप इंडेक्स लगभग एक-एक प्रतिशत बढ़े.

क्या कहते हैं बाजार के टेक्निकल!
एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अक्षय चिंचालकर के अनुसार, पिछले सत्र में निफ्टी की रिकवरी ने एक बुलिश “पियर्सिंग लाइन” फॉर्मेशन बनाया है, जिसमें मार्केट का हाई-टू-लो रेंज सोमवार की रेंज के भीतर था. इसका मतलब है कि निकट अवधि की चाल इस बात पर निर्भर करेगी कि सोमवार का उच्चतम या निम्नतम स्तर पहले टूटता है. हाल ही में निफ्टी और बैंक निफ्टी में ऑप्शंस पोजिशनिंग ने भी व्यापारी भावना को सकारात्मक बना दिया है. उन्होंने आगे कहा कि निफ्टी के लिए निकट अवधि में 24,420-24,542 का प्रतिरोध क्षेत्र है जबकि मुख्य और महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल क्रमशः 24,074 और 23,780 पर हैं.

क्या चल रहा है अमेरिकी चुनावों में
एडिसन रिसर्च के अनुसार रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प ने नॉर्थ कैरोलिना में डेमोक्रेट कमला हैरिस को हराकर अपनी पहली स्विंग स्टेट जीत दर्ज की, जिससे वह एक असंभव राजनीतिक वापसी को पूरा करने के एक कदम और करीब पहुंच गए. वह बाकी छह स्विंग राज्यों में भी आगे चल रहे हैं, जिसमें सबसे बड़ा पेंसिल्वेनिया भी शामिल है.

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