दिल्ली। बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद जारी आंतरिक अस्थिरता की वजह से भारत सरकार व भारतीय कंपनियों की तरफ से वहां निर्माणाधीन तकरीबन हर विकास अथवा ढ़ांचागत परियोजना पर असर हुआ है। इसकी वजह से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित है और फ्रेंडशिप पाइपलाइन से बांग्लादेश को डीजल आपूर्ति करने का काम भी स्थगित है।
दोनों देशों की सीमाओं पर होने वाला द्विपक्षीय कारोबार का पहिया भी थमा हुआ है और एक दूसरे देशों के कारोबारियों को आने-जाने को लेकर भी कई समस्याएं खड़ी हो रही हैं। अब स्थिति तभी सामान्य होगी जब वहां हालात स्थिर होंगे। इस बात के संकेत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने दिये हैं।
कानून-व्यवस्था बहाल होगा तो देखेंगे
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने बताया है कि, “जो भी वहां हमारे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट चल रहे थे, वह स्थगित हो गए हैं। इनमें काम करने वाले लोग वापस आ गए हैं। दूसरे भी कई कारण रहे हैं। एक बार जब स्थिति बेहतर होगी और कानून-व्यवस्था बहाल होगा तो देखेंगे। वहां की सरकार से बात करेंगे कि इसको कैसे आगे ले जाया जाए।”
जब यह पूछा कि क्या सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से पार्बतीपुर (बांग्लादेश) तक बिछाई गई पाइपलाइन (फ्रेंडशिप पाइपलाइन) से डीजल की आपूर्ति व बिजली की आपूर्ति भी बाधित है तो जायसवाल ने कहा कि, “हां हर तरह की परियोजना प्रभावित है। कानून-व्यवस्था बिगड़ने से सब पर असर आया है।”
10 लाख टन डीजल बांग्लादेश को देने की क्षमता
सनद रहे कि 137.1 किलोमीटर लंबी फ्रेंडशिप पाइपलाइन पूरी तरह से भारत की वित्तीय मदद से लगाया गया है जिससे सालाना 10 लाख टन डीजल बांग्लादेश को देने की क्षमता है। इसकी सफलता से उत्साहित दोनों देशों ने अब पेट्रोल सप्लाई के लिए भी पाइपलाइन बिछाने का फैसला किया था। जबकि बांग्लादेश को भारत से सालाना 2700 मेगावाट बिजली की भी आपूर्ति करने की व्यवस्था है। इस बिजली के लिए एक अरब डॉलर का भुगतान भी अभी बांग्लादेश से नहीं मिला है।
इसके साथ ही भारत ने एक बार फिर अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन और कुछ बांग्लादेशी मीडिया में चलाई जा रही इन खबरों का पूरी तरह से खंडन किया है कि उसकी वजह से बांग्लादेश में बाढ़ की स्थिति भयावह हुई है।
जायसवाल ने कहा कि, “इस तरह की खबरें पूरी तरह से भ्रमित करने वाली हैं। भारत लगातार बाढ़ से जुड़ी हुई सूचना बांग्लादेश से साझा कर रहा है।” इस बारे में भारत पहले ही विस्तार से जानकारी दे चुका है कि कैसे बहुत ही ज्यादा बारिश होने से बाढ़ आई है और दोनों देशों के बीच पहले से जो भी समझौता है उसके मुताबिक वह पड़ोसी देश बांग्लादेश को साझा नदियों में जल-प्रवाह को लेकर सूचना दे रहा है।
जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध हटाना बांग्लादेश का आंतरिक मामला
भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की तरफ से कई वर्षो से प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के नेताओं को जेल से छोड़ने और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़े इस संगठन पर प्रतिबंध हटाने के फैसले को वहां का आंतरिक मामला करार दिया है। जमात-ए-इस्लामी पर पूर्व आवामी लीग की सरकार ने प्रतिबंध लगाया था।
पूर्व पीएम शेख हसीना ने आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने की वजह से इस संगठन को प्रतिबंधित किया था। यह संगठन हमेशा से भारत विरोधी रहा है। बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में भी इस संगठन ने पाकिस्तान सेना की मदद की थी।