वक्फ संशोधन बिल के गुरुवार (08 अगस्त) को लोकसभा में पेश होने पर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. समाजवादी पार्टी ने भी वक्फ संशोधन बिल पर आपत्ति जताते हुए इसे धार्मिक आजादी पर हमला बता दिया. हालांकि, केंद्र सरकार लगातार दलीलें देती रही कि इस बिल पर मुलसमानों को गुमराह किया जा रहा है.
वक्फ संशोधन बिल पर आपत्ति जताते हुए उत्तर प्रदेश के रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिब्बुल्लाह ने कहा, ‘सरकार ने जो कमेटी बनाई थी, मैं उसमें पेश हुआ था. जस्टिस आर्यन ने जो रिपोर्ट पेश की वो आजतक वक्फ बोर्ड को नहीं बताया गया, क्योंकि वो आपकी मंशा के खिलाफ थी. जस्टिस आर्यन की रिपोर्ट, केंद्र सरकार की मंशा के मुताबिक नहीं थी.’
सपा सांसद मोहिब्बुल्लाह ने क्या कहा?
वो बोले, ‘जब रिपोर्ट मंशा के मुताबिक नहीं आई तो हमने टू मैन कमेटी बनाई और इस कमेटी ने भी कोई रिपोर्ट वक्फ बोर्ड को नहीं दी. जबकि 1995 के वक्फ एक्ट के मुताबिक हम संसद का आदर नहीं कर रहे. हिंदू एंडोमेंट में जो कर्नाटक और तमिलनाडु में है वहां कोई मुस्लिम नहीं हो सकता.’
किस अनुच्छेद पर की बात?
समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिब्बुल्लाह बोले, ‘आर्टिकल 26 का उल्लंघन होगा और ये लिखा है कि चारधाम में सिर्फ हिंदू होगा. बिहार और ओडिशा में भी यही लिखा हुआ है. पंजाब-हरियाणा में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में सिर्फ सिख होंगे. ये उनका अधिकार है इसको माना गया है लेकिन मुस्लिम के साथ ये अन्याय क्यों है.’
उन्होंने कहा, ‘दुनिया का सबसे पहला वक्फ खाना काबा मक्का में है. क्या उस पर भी हम सवाल उठाएंगे की वहां भी हमारा कोई हिंदू भाई हो. हम अपने वकार को, अपनी इज्जत को, अपने मुल्क की शान को और अपने संविधान को खुद अपने पैरों तले रौंद रहे हैं. वक्फ, मुसलमानों का मजहबिया अमल है और उन्हें कोई भी ताकत उससे अलग नहीं कर सकती. हम बड़ी गलती करने जा रहे हैं जिसका खामियाजा अभी नहीं बल्कि हम सदियों तक भुगतते रहेंगे.’