पहुंच रही थी, जांच को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया. अमर बाउरी ने सरकारी नौकरियों को बेचने का सरकार पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक सड़क पर आंदोलन के लिए तैयार हैं.
5 महीने मैं मुख्यमंत्री रहा, लोकतंत्र में पार्टी की बात माननी होती है – चंपाई सोरेन
झारखंड में 5 महीने तक सरकार चलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र में पार्टी और गठबंधन की बात माननी होती है. वह 5 महीने तक मुख्यमंत्री रहे. उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा के चुनाव आ गए. इसमें 3 महीने बीत गए. उन्होंने कहा कि झारखंड में अब तक सभी दलों ने बारी-बारी से शासन किया. लेकिन, आदिवासियों के हालात नहीं बदले.
राज्यहित में सकारात्मक सोच के साथ सभी मिलकर करें काम
इसलिए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की बजाय अपने राज्य और यहां के लोगों के हित में मिलकर सकारात्मक सोच के साथ काम करें. जनता की भावनाओं का आदर करें. उन्होंने कहा कि झारखंड खनिज संपदा से परिपूर्ण है. यह गरीब राज्य नहीं है. फिर भी आदिवासी और मूलवासी पिछड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड को केंद्रीय एजेंसियों की प्रयोगशाला बनाकर रख दिया है.
हेमंत सोरेन के जवाब के दौरान विपक्ष ने जमकर शोर-शराबा किया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बहस का जवाब दिया. कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया के तहत हम विश्वास प्रस्ताव लाए हैं. इस बीच विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया. स्पीकर ने उन्हें रोका, लेकिन विपक्ष के सदस्य नहीं माने. इस बीच, हेमंत सोरेन ने बोलना जारी रखा. कहा कि मुझे फिर से इस सदन में देखकर इनको कैसा महसूस हो रहा है, इनका व्यवहार बता रहा है.
इनके षड्यंत्र में इनको ही दफन कर दिया जाएगा – हेमंत सोरेन
उन्होंने 5 महीने तक सरकार चलाने वाले चंपाई सोरेन को धन्यवाद दिया. विश्वास मत का समर्थन करने वाले सदस्यों का भी धन्यवाद किया. कहा कि लोकसभा के चुनाव में देश की जनता ने इन्हें पराजित किया है. अब विधानसभा चुनाव की बारी है. इनमें से आधे भी जीतकर नहीं आएंगे. इनके षड्यंत्रों में ही इनको दफन कर दिया जाएगा. सत्ता पक्ष की ओर से उमाशंकर अकेला, प्रदीप यादव, विनोद सिंह ने बहस में भाग लिया, जबकि विपक्ष की ओर से अमर बाउरी और सुदेश महतो ने सरकार पर निशाना साधा.