विधानसभा का मानसून सत्र तय समय से 14 दिन पहले स्थगित, जानें सरकार ने कौन से महत्वपूर्ण फैसले लिए

मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र 2024-2025 की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. हालांकि ये सत्र 19 जुलाई तक चलने वाला था, लेकिन अपने तय वक्त से 14 दिन पहले ही इसे स्थगित कर दिया गया है. इस मानसून सत्र के दौरान मोहन सरकार के पहले पूर्ण कालिक बजट को पेश किया गया. तो वहीं नर्सिंग घोटाले की गूंज भी इस विधानसभा सत्र में सुनाई दी है. आपको बता दें बीती शाम कांग्रेस की तरफ से दलबदल करने वाले विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग विधानसभा स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर से की गई. 

14 दिन पहले ही सिमटी विधानसभा की कार्रवाई

दरअसल, विधानसभा सत्र 19 तारीख तक चलने वाला था. लेकिन अपने तय वक्त से 14 दिन पहले ही सत्र को स्थगित कर दिया गया है. हालांकि आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब तय वक्त से पहले सत्र को स्थगित कर दिया गया हो, ऐसा पिछले 20 सालों से चला आ रहा है. इस सत्र में भी कई विधायकों के प्रश्न अधूरे रह गए हैं, जो प्रश्न विधायकों द्वारा अपने क्षेत्र को लेकर लगाए गए थे. इस विधानसभा सत्र में 4 हजार से अधिक प्रश्न लगाए गए थे, जिनमें से आधे भी प्रश्नों पर चर्चा नहीं की गई है. 

पांच दिनों में हुए ये खास फैसले

इस विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों, मंत्रियों, राज्य मंत्री, उप मंत्री या संसदीय सचिव को अब खुद ही इनकम टैक्स भरना होगा, जिसे पहले सरकार भरा करती थी.
 

विधानसभा में गौ-वंश को की सुरक्षा को लेकर 7 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. 
 

अब तक गौ-वंश की तस्करी में शामिल वाहन न्यायालय की मदद से छूट जाया करते थे. लेकिन अब उन्हें राजसात करने की कार्रवाई की जाएगी. 
 

मध्य प्रदेश में विश्वविद्यालयों में कुलपति का पद कुलगुरु के नाम से पुकारा जाएगा. 
 

खुले बोरवेल या नलकूप के खिलाफ शिकायतों के समाधान के लिए किसी सरकारी अधिकारी को कार्रवाई करने के अधिकार दिए गए हैं.
 

पान मसाला की दुकानों का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य है. ऐसा नहीं करने पर एक लाख रुपए की पेनाल्टी की व्यवस्था तय की गई है.

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