मध्य प्रदेश में वोटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा एक्शन, 35 बागी नेता 6 साल के लिए निष्कासित

आखिरकार भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ कार्य करने और चुनाव लड़ने वाले नेताओं को अनुशासनहीनता के दायरे में रखकर 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. पार्टी के कई पूर्व मंत्री और अन्य जन प्रतिनिधि शामिल है.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने बताया कि पार्टी ने नाम वापसी के बाद कई नेताओं का समर्थन हासिल कर लिया है. इसके अलावा कई दावेदारों ने अपने नामांकन भी वापस ले लिए है. हालांकि जिन नेताओं की बगावत अभी भी जारी थी, उनके खिलाफ पार्टी ने कड़ी कार्रवाई की है. बीजेपी ने मध्य प्रदेश के कई जिलों से 35 नेताओं को चिन्हित करते हुए पार्टी से बाहर कर दिया है.

इन नेताओं को कर दिया बाहर
इनमें शिवपुरी के बिहारी सिंह सोलंकी, मुरैना के रुस्तम सिंह और राकेश सिंह गुर्जर, भिंड के मुन्ना सिंह भदौरिया, रसाल सिंह, गुना की ममता मीना, टीकमगढ़ के के श्रीवास्तव, छतरपुर के घासीराम पटेल, करण लोधी, निवाड़ी के नंदराम कुशवाहा, दमोह के शिवचरण पटेल, पन्ना की अनीता बागड़ी, सतना के सुभाष शर्मा रत्नाकर चतुर्वेदी, रानी बागरी शामिल है. 

पार्टी से बाहर करने में इनका भी नाम है शामिल
इसी तरह सीधी के केदारनाथ शुक्ला, सिंगरौली के चंद्र प्रताप विश्वकर्मा, शहडोल की फूलवती बाई, अनूपपुर के छोटे सिंह, कटनी की ज्योति दीक्षित, गीता सिंह, संतोष शुक्ला, छिंदवाड़ा के प्रदीप ठाकरे, नर्मदा पुरम के भगवती चौरे, हरदा के सुरेंद्र जैन, खंडवा के शिवेंद्र तोमर और बुरहानपुर के रतीलाल तथा हर्षवर्धन सिंह चौहान शामिल है. इसी प्रकार बगावत के आरोप के चलते अलीराजपुर के सुरेंद्र ठकराल, माधव सिंह डाबर, इंदौर देपालपुर के राजेंद्र चौधरी, आगर के संतोष जोशी, उज्जैन महिदपुर के प्रताप आर्य, बड़नगर के कुलदीप बना, नीमच की सुराणाबाई शामिल है.

इस बार हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई
बीजेपी के प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने पूर्व में बयान देते हुए कहा था कि जो भी पार्टी की के खिलाफ काम करेगा या चुनाव लड़ेगा, उसे नोटिस जारी किया जाएगा. इसके बाद उसका पक्ष सामने आने पर आगे कार्रवाई की जाएगी. हालांकि पार्टी ने इस बार ताबड़तोड़ कार्रवाई की है ताकि विधानसभा चुनाव में डैमेज कंट्रोल किया जा सके.  जिन नेताओं को बाहर किया गया है उनमें कई बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं, जबकि कुछ पूर्व विधायक भी शामिल है. यहां तक की भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के पुत्र को भी पार्टी ने 6 साल के लिए बाहर कर दिया.

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