लोकसभा के पहले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार (1 जुलाई) को अग्निवीर योजना पर सवाल खड़े किए. राहुल गांधी ने सदन में कहा कि केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना के तहत शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता. इसके साथ ही शहीद हुए अग्निवीरों के परिवार को मुआवजा भी नहीं दिया जाता.
राहुल गांधी के इस दावे के बाद अब शहीद हुए अग्निवीर अक्षय गवाटे के पिता ने बड़ा खुलासा किया है. महाराष्ट्र के बुलढाणा के पहले अग्निवीर शहीद अक्षय गवाटे के पिता लक्ष्मण गवाटे ने पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें कुल 1 करोड़ 10 लाख का मुआवजा मिला.
राहुल गांधी के दावे पर क्या बोले राजनाथ सिंह?
राहुल गांधी ने सोमवार को जब सदन में ये मुद्दा उठाया था तो केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका तत्काल जवाब दिया था. राजनाथ सिंह ने कहा कि शहीद अग्निवीर के परिवार को सहायता दी जाती है. दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में तैनात अग्निवीर अक्षय गवाटे देशसेवा के दौरान बलिदान हो गए थे.
बलिदानी अक्षय गवाटे को उनकी मौत के बाद गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था. अग्निवीर अक्षय महाराष्ट्र के बुलढाणा तालुका के पिपंलागांव सराय गांव के निवासी थे. बीते साल अक्टूबर में सियाचिन में तैनात बीस वर्षीय गवाटे हार्ट अटैक के कारण अचानक बीमार हो गए थे और उपचार के दौरान उनका निधन हो गया था.
अग्निवीर के परिवार को कितनी मिलती है सहायता राशि?
सेना की वेबसाइट के मुताबिक अगर अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होती है तो उन्हें 48 लाख का बीमा कवर, 44 लाख अनुग्रह राशि, चार साल तक का पूर्ण वेतन और सेवा निधि के साथ सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलता है.
अगर अग्निवीर की मृत्यु ड्यूटी के दौरान नहीं होती है तो परिवार को 48 लाख का बीमा कवर और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलता है. वहीं, विकलांग होने की स्थिति में अग्निवीर को विकलांगता के स्तर (100%, 75% या 50%) के आधार पर 44 लाख, 25 लाख या 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, चार साल तक का पूर्ण वेतन और सेवा निधि, और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलता है.