लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान जहां देशभर में इस बार कांग्रेस का ठीक ठाक प्रदर्शन देखने को मिला तो वहीं मध्य प्रदेश में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। आलम ये रहा कि, मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सभी 29 की 29 सीटें हार गईं। पार्टी अब हार के कारणों को जानने में लगी हुई है। इसी के चलते कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने तीन सदस्यीय फेक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित कर हार के कारणों का पता लगाने मध्य प्रदेश भेजी है, जो राजधानी भोपाल में स्थित पीसीसी दफ्तर में दो दिवसीय समीक्षा बैठक कर हार के कारणों की पड़ताल कर रही है। शनिवार को हुई समीक्षा बैठक में हार के कई चौंकाने वाले कारण सामने आ रहे हैं।
कांग्रेस आला कमान की ओर से प्रदेश के सभी 29 हारे हुए प्रत्याशियों को भोपाल में आयोजित बैठक में बुलाया। इस दौरान पूछे गए सवालों पर हारे कांग्रेस प्रत्याशियों का तर्क है कि उनकी हार पार्टी के कई नेताओं के भाजपा में जाने से हुई है, क्योंकि इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा था।
हार के मुख्य कारण ये सामने आए
बता दें कि, कांग्रेस हाईकमान की ओर से मध्य प्रदेश में हार के कारणों की हकीकत जुटाने भेजी गई समिति में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चाव्हाण, सप्तगिरी उल्का और जिग्नेश मेवाणी शामिल हैं। इन्होंने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर बैठक करके प्रत्याशियों से संवाद किया। इसदौरान कुछ प्रत्याशियों ने तो ये भी कहा कि प्रदेश के बड़े नेताओं के स्वयं चुनाव लड़ने से भी व्यवस्थाएं लड़खड़ाईं। लाड़ली बहना योजना का प्रभाव भी खासा प्रदेश में रहा। कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रशासन ने धमकाया, डराया।
दलबदल बड़ा कारण
मुरैना लोकसभा सीट से प्रत्याशी सत्यपाल सिंह सिकरवार ने कहा कि विधायक रामनिवास रावत, पूर्व विधायक अजब सिंह कुशवाह, राकेश मावई, महापौर शारदा सोलंकी का पार्टी छोड़कर जाना नुकसानदेह रहा। संगठन की जमावट इनके अनुरूप थी। पूरी टीम इनके साथ चली गई। इसी तरह उज्जैन से प्रत्याशी महेश परमार ने भी दलबदल को चुनाव में हार का बड़ा कारण बताया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बनाया गया निशाना
ग्वालियर से प्रत्याशी प्रवीण पाठक ने प्रत्याशी की घोषणा में विलंब को भी हार का बड़ा कारण बताया। रतलाम से प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया का कहना है कि सरकार ने सभी हथकंड़े अपनाए। चुनाव के पहले लाड़ली बहना योजना की राशि खातों में जमा कराई। काल सेंटर और अधिकारियों-कर्मचारियों के जरिये संदेश दिया गया कि अगर भाजपा को वोट नहींदिया तो योजनाएं बंद हो जाएंगी। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया।
जीतू पटवारी बोले- कारणों की होगी पड़ताल
सीधी से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे कमलेश्वर पटेल ने भी अपनी बात रखी। बैठक की शुरुआत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने समिति के सदस्यों का स्वागत किया, फिर वो चले गए। समिति अध्यक्ष पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हार के कारणों की सभी पहलुओं पर पड़ताल होगी। प्रत्याशियों से जानकारी लेने के साथ वरिष्ठ नेताओं से भी फीडबैक लिया जाएगा। इसके बाद समिति रिपोर्ट तैयार करके केंद्रीय संगठन को सौंपेगी।