पाकिस्‍तान पर कब्‍जा कर शरिया लागू करना चाहता है टीटीपी, चल रहा ‘तालिबानी चाल’, पहली बार चीन ने धमकाया

इस्‍लामाबाद: अफगानिस्‍तान की तालिबान सरकार और पाकिस्‍तान के बीच तहरीक-ए-तालिबान या टीटीपी आतंकियों को लेकर तनाव चरम पर पहुंचने के बाद अब चीन ऐक्‍शन में आ गया है। चीन ने अपने 5 इंजीनियरों की हत्‍या के बाद तालिबान को टीटीपी आतंक‍ियों को लेकर धमकी दी है और पूछा है कि आप हमारे दोस्‍त हैं या दुश्‍मन। पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है कि तालिबान को चीन ने धमकाया है। तालिबान ने टीटीपी पर चीन से 1 महीना मांगा है। बताया जा रहा है कि टीटीपी के कमांडर नूर वली मेहसूद ने तालिबानी सरकार के नेतृत्‍व के साथ मुलाकात की है। साल 2007 से टीटीपी के हमले शुरू होने के बाद ऐसा पहली बार है जब चीन ने तालिबान को चेतावनी दी है।

पाकिस्‍तानी पत्रकार नुसरत जाव‍िद ने चीन के चेतावनी देने का खुलासा किया है। उन्‍होंने डर जताया कि अगर टीटीपी के आतंकी अफगानिस्‍तान से हटते हैं तो इससे पाकिस्‍तान के लिए और ज्‍यादा खतरा बढ़ जाएगा। वहीं टीटीपी के कमांडर कारी शोएब ने ऐलान किया है कि पश्‍तून चाहे अफगानिस्‍तान के हो या फिर पाकिस्‍तान के, दोनों ही पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान को बांटने वाली डूरंड लाइन को नहीं मानते हैं। टीटीपी कमांडर ने कहा कि पाकिस्‍तान में कोई इस्‍लामिक सरकार नहीं है। ऐसे में पश्‍तूनों के पाकिस्‍तान के साथ बने रहने का कोई कारण नहीं है। पश्‍तून इस्‍लाम के एक अजेय योद्धा हैं और यही वजह है कि अंग्रेजों ने उन्‍हें 4 भागों में बांट दिया।

पाकिस्‍तान तीन आतंकी गुटों में फंसा

पाकिस्‍तान के पूर्व आला पुलिस अधिकारी तारिक परवेज ने डॉन अखबार में लिखे अपने लेख में कहा कि टीटीपी पिछले 3 साल में पाकिस्‍तान का सबसे घातक आतंकी गुट बन गया है। टीटीपी, तालिबान और अलकायदा तीनों ही एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके पीछे वैचारिक एकजुटता और अफगानिस्‍तान में विदेशी सेना के खिलाफ लड़ाई का साझा इत‍िहास तो है ही, तीनों का समान लक्ष्‍य भी है। ये तीनों ही मिलकर पाकिस्‍तान में शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। टीटीपी ठीक वही रणनीत‍ि अपना रहा है जो तालिबान ने अफगानिस्‍तान में नाटो और सोव‍ियत संघ की सेना के खिलाफ अपनाई थी।

वहीं टीटीपी अफगानिस्‍तान के अंदर तालिबान व‍िरोधियों की हत्‍या करके आतंकी सरकार की मदद कर रहा है। तालिबान टीटीपी को शरण दिए हुए है जिससे वह पाकिस्‍तानी हमले से बचा हुआ है। तारिक परवेज कहते हैं कि जब अमेरिकी सेना अफगानिस्‍तान से वापस गई है, तालिबान, टीटीपी और अलकायदा मिलकर पाकिस्‍तान को अब निशाना बनाने लगे हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र की रिपोर्ट कहती है कि तालिबान की सरकार टीटीपी को हथियार, ट्रेनिंग और पैसे मुहैया कराती है।

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