नई दिल्ली. दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल इस वक्त तिहाड़ जेल में बंद हैं. दिल्ली शराब घोटाले के मामले में ईडी की कस्टडी पूरी होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. सीएम दावा कर रहे हैं कि वो जेल से ही दिल्ली सरकार का संचालन करेंगे. सीएम की गैर-मौजूदगी में पीछे से दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेन ने दिल्ली सरकार पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है, जिसमें दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में उपराज्यपाल कार्यालय ने बताया कि दिल्ली सरकार कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को भ्रामक जानकारी दे रही है. पत्र में फरिश्ते स्कीम और शराब नीति का भी ज़िक्र किया गया है. उपराज्यपाल ने लिखा है, “GNCTD द्वारा उठाए गए भ्रामक कदम, घृणित मुकदमेबाजी से सरकारी खजाने के करोड़ों रुपये खर्च करने और अधिकारियों का कीमती समय बर्बाद करने के अलावा, पहले से ही अत्यधिक बोझ से दबे माननीय न्यायालयों पर भी फालतू मुकदमों का बोझ पड़ रहा है.”
सरकार भ्रमित कर रही’
उपराज्यपाल ने पत्र में आगे लिखा है कि इस तरह के प्रयास न्यायालयों को गुमराह करने के अलावा एक भ्रामक और विकृत कहानी बनाते हैं, जो जनता के मन में उपराज्यपाल की छवि को खराब करता है. इस पत्र का उद्देश्य गृह मंत्रालय को GNCTD द्वारा बेवजह और भ्रमित मुकदमेबाजी के संबंध में अवगत कराना है.
एलजी ने पहले क्या कहा था?
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बीते दिनों एक टीवी चैनल के कॉन्क्लेव के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि सीएम अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार नहीं चला पाएंगे. वहीं, आम आदमी पार्टी पहले ही यह साफ कर चुकी है कि चीफ मिनिस्टर इस्तीफा नहीं देंगे. वो जेल से ही दिल्ली सरकार का नेतृत्व करेंगे. एलजी ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर कई गंभीर आरोप दिल्ली सरकार पर लगाए हैं.