माफिया डॉन मुख्तार अंसारी अब इस दुनिया में नहीं रहा. गुरुवार देर रात हार्ट अटैक आने के बाद मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी को डॉक्टर बचा नहीं सके. मुख्तार की मौत के बाद यूपी में माफियाराज का एक अध्याय हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो गया, लेकिन क्या आपको पता है कि मुख्तार अंसारी भले ही माफिया या बाहुबली रहा हो, लेकिन उसका परिवार अपने देश में एक प्रतिष्ठित परिवार था. मुख्तार के दादा स्वतंत्रता सेनानी, नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उम्मान ‘नौशेरा का शेर’ नाम से फेमस थे. यही नहीं देश के पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख्तार अंसारी के चाचा लगते थे.
दरअसल, हामिद अंसारी से मुख्तार अंसारी के रिश्ते का जिक्र उस समय आया, जब वह पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था. 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार आ चुकी थी. योगी आदित्यनाथ नए-नए मुख्यमंत्री बने थे. उनके आदेश पर यूपी पुलिस अपराधी-माफियाओं पर नकेल कसने में लगी थी. धीरे-धीरे मुख्तार का भी नंबर आना शुरू हुआ. मुख्तार के गुर्गों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू किया. कुछ का एनकांउटर हुआ तो कुछ ने खुद ही सरेंडर कर दिया. मुख्तार की अवैध संपत्तियां सीज की जाने लगीं. चूंकी मुख्तार पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था तो उसे वापस यूपी लाने की चुनौती योगी सरकार पर थी.
मुख्तार ने सुप्रीम कोर्ट में उजागर किया रिश्ता
मुख्तार अंसारी वापस उत्तर प्रदेश नहीं आना चाहता था. वह पंजाब की रोपड़ जेल में अपने आप को सुरक्षित मान रहा था. उसे यूपी की किसी भी जेल में अपनी हत्या का डर था. मुख्तार अंसारी को यूपी वापस लाने के लिए पंजाब और यूपी सरकार में ठन गई थी. नौबत यहां तक आ गई कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा. साल 2021 में मुख्तार ने अपने बचाव में एक हलफनामा दिया और खुद के यूपी के बजाए पंजाब की रोपड़ जेल में रखने की बात कही. मुख्तार ने यूपी की जेल नहीं भेजे जाने की दलील के तौर पर अपने परिवार की पुरानी प्रतिष्ठा का हलफनामे में जिक्र किया था.
सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में मुख्तार अंसारी ने बताया था कि वह उस परिवार से आता है, जिससे देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी आते हैं. उसने इसी हलफनामे में कहा था कि उसके परिवार ने देश की आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान दिया है. उसने इसी हलफनामे में यह भी बताया था कि ओडिशा के पूर्व राज्यपाल शौकतुल्ला अंसारी, इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आसिफ अंसारी भी उसी के परिवार के सदस्य हैं.
मुख्तार के दादा रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
मुख्तार अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में बताया था कि डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी उसके दादा हैं. मुख्तार अहमद अंसारी 1927-28 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे और दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के संस्थापक भी रहे. मुख्तार ने अपने दादा मुख्तार अहमद अंसारी और पिता सुभानुल्लाह अंसारी को स्वतंत्रता सेनानी बताया था. साथ ही यह भी दावा किया था कि 1948 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में उसके नाना शहीद ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान ने देश के लिए शहादत दी थी. मरणोपरांत उस्मान अंसारी को ‘महावीर चक्र’ से नवाजा गया था.
मुख्तार के पिता के चचेरे भाई हैं हामिद अंसारी!
मुख्तार अंसारी जब-जब चर्चा में आता, तब कोई न कोई उसके और हामिद अंसारी के रिश्ते के बारे में छेड़ देता. लोग जिक्र करने लगते कि मुख्तार अंसारी पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का रिश्तेदार है. अक्सर कहा जाता है कि हामिद अंसारी मुख्तार अंसारी के चाचा हैं, जबकि कुछ लोग तो यहां तक कहते थे कि मुख्तार के पिता सुभानुल्लाह अंसारी के चचेरे भाई हैं. हालांकि इन दावों में कितना सच है और किचना झूठ है, इसके बारे में कभी सटीक जानकारी नहीं मिल पाई.
मुख्तार के परिवार में राजनेता से लेकर ब्रिगेडियर तक
मीडिया में भी इस बात की चर्चा चलती रहती थी कि मुख्तार अंसारी एक प्रतिष्ठित परिवार से है. उसके दादा मुख्तार अहमद अंसारी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे थे, जबकि नाना मोहम्मद उस्मान भारतीय सेना में ब्रिगेडियर थे. मुख्तार अंसारी के पिता सुभानुल्लाह अंसारी भी एक राजनेता थे और उनकी छवि साफ-सुथरी थी. मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी समाजवादी पार्टी के सदस्य और 2007-2012 में गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक बने थे. वर्तमान में अगर बात करें तो सिबगतुल्लाह से छोटे अफजाल गाजीपुर से सांसद हैं, बेटा अब्बास मऊ सदर सीट से विधायक है और भतीजा सुहैब अंसारी मोहम्मदाबाद सीट से विधायक है.
मुख्तार के भतीजे सुहैब अंसारी ने क्या बताया?
मुख्तार अंसारी का परिवार वास्तव में हामिद अंसारी के परिवार से संबंधित है, वे चाचा-भतीजा हैं या नहीं, जैसा कि अक्सर कहा जाता है. जानकारी के अनुसार, हामिद अंसारी मुख्तार के दूर से रिश्तेदार हैं. इसकी पुष्टि खुद एक बार मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के विधायक बेटे सुहैब अंसारी ने की थी. मीडिया से बातचीत में सुहैब अंसारी ने ये साफ-साफ कहा था कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी उनके परिवार के सगे नहीं, बल्कि दूर के रिश्तेदार हैं.
मुख्तार अंसारी के परिवार के एक अन्य सदस्य ने बताया कि हामिद अंसारी और मुख्तार अंसारी के पिता सुभानुल्लाह अंसारी आपस में चचेरे भाई थे. इसलिए, हामिद अंसारी मुख्तार अंसारी के सगे. चाचा नहीं हैं,
लेकिन वे एक ही विस्तारित परिवार से हैं. वहीं हामिद अंसारी और मुख्तार अंसारी के बीच दूर के रिश्ते के कारण स्थानीय लोग उन्हें रिश्तेदार नहीं मानते हैं. मुख्तार के गांव के एक ग्रमीण ने कहा था कि मुख्तार अंसारी और हामिद अंसारी का खून का रिश्ता नहीं है.