वेस्ट बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में स्थित संदेशखाली इस वक्त पूरे देश में सुर्खियों में हैं. किसानों की जमीन पर कब्जा करने से लेकर महिलाओं के साथ अत्याचार तक, यहां बड़े पैमाने पर लोगों के साथ अत्याचार किया गया है. इस तरह की हरकत को अंजाम देने के लिए यहां एक गैंग सक्रिय था, जिसका सरगना वही शाहजहां शेख है, जिसने ईडी की टीम पर जानलेवा हमला करवाया था. इस मामले में दो आरोपी तो पहले ही पुलिस की पकड़ में आ चुके हैं, लेकिन मुख्य आरोपी शाहजहां शेख अब तक फरार है.
मुल्जिम 1- शाहजहां शेख, TMC नेता
संदेशखाली का मुख्य आरोपी, अब तक फरार
मुल्जिम 2- शिबू हजारा, TMC नेता
8 दिनों की पुलिस रिमांड
मुल्जिम 3- उत्तम सरकार, TMC नेता
संदेशखाली मामले में गिरफ्तार पहला आरोपी
वेस्ट बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के इन तीन नेताओं के इर्द-गिर्द संदेशखाली का पूरा किस्सा जुड़ा हुआ है. इस सनसनीखेज मामले में पुलिस अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. लेकिन सवाल यही है कि इस मामले का असली कसूरवार शाहजहां शेख आखिर कहां है. बंगाल की पुलिस उसको तलाश क्यों नहीं कर पा रही, क्या उसको सियासी पनाह मिली हुई है? ऐसे कई सवाल इसलिए बने हुए हैं, क्योंकि बंगाल की सियासत में अपराधियों को संरक्षण मिलना कोई नई बात नहीं है. हिंसा यहां के डीएनए में है.
इस संदेशखाली के मामले ने पूरे देश में हड़कंप मचा रखा है. बवाल तेज हुआ तो टीएमसी सरकार पर हमला भी तेज हुआ. बीजेपी ने इसको जैसे मुद्दा बनाया, तो पुलिस को भी हरकत में आना पड़ा. पहले उत्तम सरकार और उसके बाद शिबू हजारा को तो गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन मुख्य आरोपी शाहजहां शेख पकड़ से बाहर ही बना रहा. हालांकि इस मामले में पुलिस का दावा है कि 6 फरवरी से पहले उसके पास कोई शिकायत नहीं आई थी. पुलिस की तरफ से 10 महिला अफसरों की एक एसआईटी गठित कर दी गई है.
पुलिस तक पहुंची शिकायत के मुताबिक, गरीब और मजबूर लोगों की जमीनों को हड़पने का आरोप है. लेकिन इल्जाम इससे भी संगीन हैं. संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने जो आपबीती सुनाई है, उसे सुनकर किसी का भी दिल दहल सकता है. महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर अत्याचार करने, यौन उत्पीड़न करने और जबरन जमीन कब्जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. एक महिला ने तो यहां तक कहा है कि टीएमसी के लोग गांव में घूमकर घर-घर जाकर चेक करते हैं. सुंदर महिलाओं की तलाश करते हैं.
इसके बाद घर में यदि कोई सुंदर महिला या लड़की दिख जाती है तो टीएमसी नेता शाहजहां शेख के लोग उसे अगवा कर ले जाते हैं. उसे पूरी रात अपने साथ पार्टी दफ्तर या किसी अन्य जगह पर रखकर हवस का शिकार बनाते हैं. अगले दिन उसके घर के सामने लाकर छोड़ जाते हैं. यह मामला जैसे ही सामने आया तो राज्यपाल ने तुरंत संज्ञान लिया और खुद संदेशखाली पहुंच गए. उन्होंने बताया कि संदेशखाली में जो हुआ है वो होश उड़ा देने वाला है. बहरहाल महिला आयोग की टीम संदेशखाली का दौरा कर रही है.
शाहजहां शेख बांग्लादेश की सीमा पर स्थित संदेशखाली में मछली का व्यवसाय करता है. वो चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा है. वो पहले ईंट भट्टे पर मजदूरी किया करता था. लेकिन धीरे-धीरे उसने यूनियन में अपनी पैठ बना ली. साल 2004 में ईंट भट्ठा यूनियन के नेता के रूप में राजनीति में कदम रखा. इसके बाद में सीपीआई (एम) इकाई में शामिल हो गया. अपने उग्र भाषणों और संगठनात्मक कौशल की वजह से टीएमसी नेतृत्व का उसकी ओर ध्यान गया. तब तक वो संदेशखाली का ‘भाई’ बन चुका था.
साल 2012 में टीएमसी के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रिय मल्लिक की मौजूदगी में वो टीएमसी में शामिल हो गया. टीएमसी सत्ता में आई तो पहले से भी ज्यादा शक्तिशाली हो गया. साल 2018 में सरबेरिया अग्रघाटी ग्राम पंचायत के उप प्रमुख के रूप में पहचान मिली. वर्तमान में वो संदेशखाली टीएमसी इकाई का अध्यक्ष है. वो पारिवारिक और भूमि विवाद सुलझाने के लिए लोकप्रिय है. स्थानीय लोग उसको मसीहा और बाहुबली तक मानते हैं.
बताते चलें कि संदेशखाली वेस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में आता है. यह बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ इलाका है. यहां अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के लोग सबसे अधिक रहते हैं. पिछले महीने जब तृणमूल कांग्रेस के नेता टीएमसी नेता शाहजहां शेखे के घर पर ईडी की टीम ने रेड की थी तो उसके इशारे पर लोगों ने ईडी की टीम पर ही हमला कर दिया था. उसके बाद से ही वो और संदेशखाली सुर्खियों में बना हुआ है.