कांग्रेस ने मध्य प्रदेश से कलमनाथ को राज्यसभा का टिकट नहीं दिया है. पार्टी ने अशोक सिंह (Ashok Singh) को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है. अशोक सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं. वह ग्वालियर के रहने वाले हैं और ओबीसी समाज से आते हैं. अशोक सिंह यादव समाज से आते हैं साथ ही वह पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के करीबी हैं. राज्यसभा का चुनाव 27 फरवरी को होने वाला है.
मध्य प्रदेश से पांच राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है. इनमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और एल मुरुगन समेत चार बीजेपी के हैं जबकि एक कांग्रेस के हैं. कांग्रेस से राजमणि पटेल का कार्यकाल समाप्त हो रहा है.
दसअसल, कमलनाथ राज्यसभा जाना चाहते थे. उन्होंने अपने आवास पर विधायकों को डिनर के लिए भी बुलाया था लेकिन पार्टी आलाकमान ने कमलनाथ के नाम पर मुहर नहीं लगाई. कमलनाथ अपने गढ़ छिंदवाड़ा से विधायक हैं, राज्य में छह साल बिताने के बाद राष्ट्रीय राजनीति में लौटने के थे. उन्होंने 2018 में विधानसभा चुनाव से लगभग छह महीने पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था. 2018 में 15 साल के अंतराल के बाद कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने में सफल रहे. हालांकि, गुटबाजी के कारण इकाई के भीतर संकट पैदा हो गया, जिसके परिणामस्वरूप 15 महीने के भीतर उनकी सरकार गिर गई. कांग्रेस 2022 में मध्य प्रदेश की 16 मेयर सीटों में से पांच जीतने में कामयाब रही, जिसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ ग्वालियर भी शामिल है.
इन नामों की थी चर्चा
पहले भी खबर थी कि पार्टी आलाकमान किसी ओबीसी या दलित उम्मीदवार को नामित कर सकता है और अशोक सिंह के नाम का एलान करने के बाद इसकी पुष्टि भी हो गई. कमलनाथ के अलावा मीनाक्षी नटराजन, अरुण यादव, अजय सिंह राहुल भैया, कमलेश्वर पटेल को लेकर भी अटकलें चल रही थीं लेकिन इन अटकलों पर बुधवार को विराम लग गया.