मध्यप्रदेश के इस मंत्री को आज भी याद आते हैं शिवराज सिंह चौहान, उन्हीं को बता देते हैं अपना सीएम

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान 18 साल मुख्यमंत्री रहे हैं. ऐसे में पूरी बीजेपी की जो लीडरशिप है, उनकी नजर में शिवराज सिंह चौहान का सम्मान बहुत ज्यादा है. भले ही अब वे सीएम नहीं हैं लेकिन वर्तमान मोहन यादव सरकार के मंत्रियों को भी शिवराज सिंह चौहान अभी भी उनकी जुबान पर इस तरह चढ़े हुए हैं कि मीडिया को बयान देते वक्त भी वे शिवराज सिंह चौहान को ही अपना सीएम बता देते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ मध्यप्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के साथ जो ग्वालियर में राजस्व मामलों की मीटिंग लेने पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने शिवराज सिंह चौहान को ही अपना मुख्यमंत्री बता दिया.

बाद में जब मीडियाकर्मियों ने ध्यान दिलाया तो राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा बोले कि इतने साल तक शिवराज सिंह चौहान उनके मुख्यमंत्री रहे हैं तो उनका नाम जुबान पर आ ही जाता है. कुल मिलाकर राजस्व मंत्री की जुबान भले ही फिसली हो लेकिन उन्होंने इसे लाइट मूड में दिखाने की कोशिश की. इससे पहले राजस्व अधिकारियों की बैठक में भी मंत्री करण सिंह वर्मा ने कई रोचक बयान दिए.

करण सिंह वर्मा ने कहा कि अधिकारियों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. राजस्व अधिकारियों का रवैया आम जनता के प्रति अच्छा नहीं रहता है. लोग अपने नामांतरण, बटवारा, परमिशन, एनओसी के लिए राजस्व अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगाते रहते हैं. राजस्व मंत्री ने कहा कि अब ऐसा नहीं चलेगा. रजिस्ट्री होने के एक महीने में यदि नामांतरण नहीं हुआ तो पटवारी से लेकर ऊपर तक के अधिकारी निलंबित होंगे.

जनता को भगवान समझकर पेश आएं- राजस्व मंत्री

राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि जनता को भगवान समझकर पेश आएं. उनके काम करें और उनके साथ मान-सम्मान के साथ पेश आएं. आप उनके काम समय से करेंगे तो आपको मान-सम्मान मिलेगा. लेकिन यदि जनता के कामों को करने में लेटलतीफी करेंगे तो संबंधित अधिकारी को दंड भाेगना होगा. पटवारी से लेकर राजस्व मंत्री तक कानून सभी के लिए बराबर है. यदि मैं खुद कोई गड़बड़ी करूंगा तो सजा मुझे भी मिलेगी. इसलिए तहसीलदार हों या एसडीएम या फिर कलेक्टर सभी को जनता के कामों को समय से करने का टारगेट सेट करना होगा. राजस्व मंत्री ने कहा कि फिलहाल किसी पर कार्रवाई नहीं कर रहा हूं. एक महीने का समय दे रहा हूं, राजस्व के सभी पेंडिंग मामलों का निपटारा करें. उसके बाद संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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