बीजेपी नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद अब ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मंदिर और कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मामले को लेकर भी एक्टिव हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं, ताकि इन दोनों मामलों को लेकर उनकी तरफ से जो याचिका दायर की गई है, उस पर तत्काल सुनवाई की जा सके. स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क्रेडिट लेने का तंज भी कसा है.
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मंगलवार (23 जनवरी) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने कहा, ‘मैं अब ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मंदिर और कृष्ण जन्मभूमि मथुरा मंदिर को पुनर्स्थापित करने की इजाजत देने के लिए अपनी ‘प्लेस ऑफ वर्शिप’ की जनहित याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करूंगा. मोदी अभी कुछ नहीं करेंगे, लेकिन क्रेडिट लेने के लिए तुरंत आ जाएंगे.’
प्राण प्रतिष्ठा में नहीं बुलाए गए थे स्वामी
एक तरफ बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला था, वहीं मंदिर आंदोलन की आवाज उठाने वाले स्वामी को न्योता नहीं मिला था. इसे लेकर स्वामी ने दुख भी जताया था. नवंबर में अयोध्या पहुंचे स्वामी ने कहा था, ‘मेरी खबरों को छपने नहीं दिया जाता है. मैं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं हूं. मुझे अभी तक निमंत्रण नहीं मिला है. अशोक सिंघल के कहने पर मैंने सुप्रीम कोर्ट में श्री राम मंदिर के लिए पक्ष रखा था.’
रामसेतु को लेकर पीएम पर कसा था तंज
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिनों के अनुष्ठान का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि वह मंदिर उद्घाटन को लेकर भावुक हैं. इस पर स्वामी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर सच में प्रधानमंत्री गंभीर हैं, तो उन्हें रामसेतु को नेशनल हेरिटेज मॉन्यूमेंट घोषित कर देना चाहिए. ये मामला पिछले 10 साल से लटका हुआ है. स्वामी अक्सर ही पीएम मोदी को लेकर तंज कसते रहे हैं. कहा ये भी जाता है कि उन्हें पार्टी में साइडलाइन कर दिया गया है.