हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बेहद आस्था और श्रद्धा से मनाया जाता है। आपको बता दें कि साल में कुल चार नवरात्र आते हैं, लेकिन शारदीय नवरात्रि का महत्व सबसे अधिक माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है। खास बात यह है कि इस बार चतुर्थी तिथि में वृद्धि होने से नवरात्रि नौ की बजाय पूरे 10 दिन तक मनाए जाएंगे। वहीं, मां दुर्गा के आगमन और प्रस्थान की सवारी हर बार अलग-अलग होती है और उसका अपना महत्व होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार माता रानी गज यानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। ऐसे में आइए जानते हैं माता की सवारी का शुभ संकेत, नवरात्रि की तिथियां और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त।
मां दुर्गा की सवारी
देवी पुराण में उल्लेख है कि नवरात्रि की शुरुआत किस दिन हो रही है, इसके आधार पर माता रानी की सवारी तय होती है। देवी पुराण के श्लोक में कहा गया है – “शशि सूर्य गजरूढ़ा शनिभौमै तुरंगमे” यानी अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार के दिन होती है, तो माता गज यानी हाथी पर सवार होकर आती हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि सोमवार से शुरू हो रही है, इसलिए माता रानी हाथी पर सवार होकर पृथ्वी लोक पर पधारेंगी।
हाथी पर आगमन का शुभ संकेत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता रानी का हाथी पर आगमन बेहद शुभ माना जाता है। यह संकेत देता है कि साल भर अच्छी वर्षा होगी और किसानों को भरपूर उपज मिलेगी। साथ ही, देश-दुनिया में स्थिरता और शांति बनी रहेगी। राजनीतिक अस्थिरता कम होगी और जनता के जीवन में अच्छे परिवर्तन देखने को मिलेंगे। ऐसा माना जाता है कि हाथी पर सवार होकर आने वाली मां दुर्गा अपने भक्तों को सुख-समृद्धि और सफलता प्रदान करती हैं।
शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 2025
शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं। इस बार प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर की देर रात 01:23 बजे से शुरू होगी और 23 सितंबर की रात 02:55 बजे तक रहेगी। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:09 से 08:06 बजे तक रहेगा। वहीं, कलश स्थापना के लिए शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 09:11 से सुबह 10:43 तक है। इसके अलावा घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 से दोपहर 12:38 बजे तक रहेगा।
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