मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के नतीजे रविवार को आ गए. हिंदी बेल्ट के तीनों राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया है. वहीं, कांग्रेस कर्नाटक के बाद दक्षिण के दूसरे राज्य तेलंगाना में सरकार बनाने में सफल रही. 2018 में हिंदी बेल्ट के तीनों राज्यों में कांग्रेस को जीत मिली थी. हालांकि, 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद एमपी में कांग्रेस सरकार गिर गई थी. इसके बाद शिवराज चौहान के नेतृत्व में बीजेपी ने सरकार बनाई थी.
राज्य बीजेपी कांग्रेस अन्य
एमपी 164 65 1
राजस्थान 115 69 15
छत्तीसगढ़ 54 35 1
2023 चुनाव नतीजों के 15 Takeaway
1- 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए तीन राज्यों में जीत काफी अहम मानी जा रही है. इसी के साथ बीजेपी या NDA गठबंधन की अब 17 राज्यों में सरकार है. अब बीजेपी की मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, गोवा, महाराष्ट्र, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय और पुडुचेरी में सरकार है.
2- बीजेपी ने चार राज्यों में 21 सांसदों को टिकट दिया था. इनमें से 11 सांसद ही जीत हासिल कर पाए. केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी विधानसभा चुनाव हार गए.
3- मध्यप्रदेश में बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत हासिल की. बीजेपी को राज्य में 48.55% वोट मिले हैं. जबकि कांग्रेस को 40.4% वोट के साथ 66 सीटें मिलीं. एमपी के इतिहास में पहली बार बीजेपी को इतना वोट मिला है. मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के 33 मंत्रियों में से 12 चुनाव हार गए. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री और दतिया से बीजेपी प्रत्याशी नरोत्तम मिश्रा अपनी सीट से चुनाव हार गए.
4- मध्यप्रदेश में बीजेपी की पीएम के चेहरे पर चुनाव लड़ने और कड़ी लड़ाई वाली सीटों पर सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को उतारने की रणनीति सफल रही. लाडली बहना और महिलाओं को 33% आरक्षण की मंजूरी से महिला वोटरों ने बीजेपी का खुलकर समर्थन किया. एमपी में साइलेंट वोटर के दम पर बीजेपी 163 सीटें जीतने में सफल रही.
5- राजस्थान में बीजेपी को 41.69% वोट मिला. जबकि कांग्रेस को 39.53% वोट मिला. 2018 चुनाव में कांग्रेस को 39.8% मिला था, वहीं बीजेपी को 39.3% वोट मिला. राजस्थान में बीजेपी का वोट% सिर्फ 2.3% बढ़ा, जबकि सीटें 42 बढ़ गईं, वहीं कांग्रेस का वोट 0.3% बढ़ा, सीटें 30 कम हो गईं.
6- राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को छोड़कर उनके 25 मंत्री चुनावी मैदान में उतरे थे. इनमें से 17 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा. इनमें मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और बुलाकी दास कल्ला (बीडी कल्ला) समेत कई बड़े चेहरे शामिल हैं. सिर्फ 8 मंत्री ही अपनी सीट बचा पाए.
7- राजस्थान कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप और नाराजगी भारी पड़ी. अंदरूनी कलह, गुर्जर वोटरों की नाराजगी भी हार की बड़ी वजह रही. बीजेपी ने कन्हैयालाल हत्याकांड, महिला अपराध, भ्रष्टाचार के मुद्दे को गहलोत सरकार के खिलाफ खूब भुनाया. शुरुआत में कहा जा रहा था कि गहलोत अपनी योजनाओं के दम पर हर 5 साल में सत्ता परिवर्तन के रिवाज को बदल सकते हैं. हालांकि, नतीजे इसके उलट आए.
8- छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 54 सीटें जबकि कांग्रेस को 35 सीटों पर जीत मिली. अन्य को 1 सीट पर जीत मिली. वोट प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी को छत्तीसगढ़ में 46.27%, जबकि कांग्रेस को 42.23% वोट मिला. 2018 की बात करें तो कांग्रेस को 43.9% जबकि बीजेपी को 33.6% वोट मिला था.
9- छत्तीसगढ़ में उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव समेत कांग्रेस के नौ मंत्री चुनाव हार गए हैं. छत्तीसगढ़ में गुटबाजी कांग्रेस को महंगी पड़ी. इसके अलावा बीजेपी ने महादेव ऐप, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बघेल सरकार को घेरा. इसके अलावा बीजेपी का सीएम चेहरा घोषित न करने और सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की रणनीति सफल रही.
10- बीजेपी ने मातृवंदन के तहत सालाना 12 हजार रुपये की गारंटी का ऐलान किया. इसके अलावा बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में भूमिहीन किसानों और मजदूरों को 10,000 रुपये सालाना देने का वादा किया था. माना जा रहा है कि वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी का यह वादा काफी मददगार साबित हुआ.
11- तेलंगाना में केसीआर हैट्रिक लगाने से चूक गई. 2013 में बने तेलंगाना में कांग्रेस पहली बार सरकार बनाने में सफल हुई.
12- तेलंगाना में जीत के साथ दक्षिण के दूसरे राज्य में कांग्रेस अपने दम पर सरकार बनाने में सफल रही. तमिलनाडु में डीएमके के साथ कांग्रेस सरकार में है.
13- तेलंगाना में कांग्रेस ने 64 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं, बीआरएस 39 सीटों पर सिमट गई. राज्य में बीजेपी 8 सीटें जीतने में सफल हुई. तेलंगाना में ओवैसी की पार्टी 9 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इनमें से 7 पर ओवैसी ने जीत हासिल की है.
14- तेलंगाना में कांग्रेस को 39.4% वोट मिले. जबकि बीआरएस को 37.5% वोट मिले. बीजेपी को 13.9% वोट मिले हैं. 2018 चुनाव में बीजेपी को 7.1% वोट मिला था.
15- तेलंगाना में कामारेड्डी से बीजेपी के उम्मीदवार कटिपल्ली वेंकट रमण ने मुख्यमंत्री केसीआर और कांग्रेस के सीएम चेहरे रेवंत रेड्डी दोनों को मात दी.