पाकिस्तानी फौज झूठी कहानियां गढ़ रही… जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग में पाक के पूर्व अफसर ने ही उड़ा दी धज्जियां, कटघरे में मुनीर और ISI

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला करते हुए 440 यात्रियों को बंधक बना लिया था। पाकिस्तान की सेना ने करीब 36 घंटे के ऑपरेशन के बाद बंधकों को छुड़ाने का दावा किया है। इसके बावजूद पाक सेना को दुनियाभर में शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। पाक फौज के ही रिटायर अफसर आदिल राजा ने इसे पाकिस्तान आर्मी, सरकार और ISI का सच सामने लाने वाली घटना कहा है। राजा ने कहा कि ये दिखाता है कि पाक फौज किस हद तक कमजोर हो गई है और पूरे सिस्टम में बदलाव की कितना ज्यादा जरूरत है।

यूके में रहने वाले और सोशल मीडिया पर चर्चित आदिल राजा का कहना है कि जाफर एक्सप्रेस हमले ने पाकिस्तानी सेना की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। पाकिस्तानी सेना ने बचाव अभियान चलाया लेकिन ज्यादातर बंधकों को छुड़ाने में नाकाम रहे। यह हमला जनरल आसिम मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना की रणनीतिक नाकामी को भी दिखाता है। ISI के भ्रष्टाचार और राजनीतिक दखलंदाजी ने चीजों को ज्यादा बदतर बनाया है। पाक सेना ने जाफर एक्सप्रेस पर हमले की गंभीरता को कम करके दिखाने की कोशिश की है लेकिन स्वतंत्र सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से साफ है कि नुकसान बहुत ज्यादा है।

‘बलूचिस्तान को समझने में सरकार नाकाम’
आदिल राजा कहते हैं, ‘बलूचिस्तान लंबे समय से अशांत है। वहां स्वायत्तता चाहने वाले बलूच विद्रोही और पाकिस्तानी सेना के बीच संघर्ष चल रहा है। वहां खुफिया नाकामियां आम रही हैं लेकिन जाफर एक्सप्रेस पर हमला सुरक्षा उपायों के पूरी तरह से नाकाम होने का नमूना है। बीएलए का ट्रेन को हाईजैक करते हुए सैन्य अधिकारियों को बंधक बनाना पाकिस्तानी सेना के लिए बड़ी शर्मिंदगी है, जो अपनी आतंकवाद विरोधी क्षमताओं का ढिंढोरा पीटती रही है।

आदिल का मानना है कि आसिम मुनीर के सेना प्रमुख बनने के बाद से आर्मी रणनीतिक गलतियां ज्यादा कर रही है। वह आंतरिक सुरक्षा खतरों से निपटने में असमर्थ दिखी है। सैन्य नेतृत्व ने आसन्न हमले की ओर इशारा करने वाली विश्वसनीय खुफिया रिपोर्टों को भी नजरअंदाज किया है। इससे पाकिस्तान में जान-माल का नुकसान हुआ है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भी भ्रष्टाचार और राजनीतिक चालबाजियों से घिरी है। एजेंसी वास्तविक खतरों पर ध्यान देने के बजाय विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने में लगी है। इसका फायदा आतंकी गुट उठा रहे हैं।

ये हमला एक चेतावनी है: राजा
आदिल का मानना है कि बलूचिस्तान में ट्रेन पर हमला पाकिस्तान के लिए चेतावनी है। देश खुफिया और सैन्य नाकामियों के रास्ते पर चलना जारी नहीं रख सकता। इसमें सुधार होना बहुत जरूरी है। हालांकि जब तक सुरक्षा तंत्र में बदलाव नहीं किया जाता और लोगों की जवाबदेही तय नहीं की जाती, तब तक इस तरह की घटनाएं रुकना मुश्किल है। ऐसे में सेना, सरकार और ISI को अपने हितों से हटकर देश के बारे में सोचना होगा।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *