बलूचिस्तान मतलब सोने की चिड़िया! BLA ने यूं ही नहीं पाकिस्तानी ट्रेन को हाईजैक किया, जानिए चीन कनेक्शन

बलूचिस्तान पाकिस्तान का अशांत प्रांत है. बलूचिस्तान को सोने की चिड़िया भी कहते हैं. कारण यहां मौजूद मिनिरल्स के रूप में अकूत खजाना. अब उसी बलूचिस्तान में बलोच विद्रोहियों ने खलबली मचाई है. पाकिस्तानी जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को मंगलवार को बीएलए ने हाईजैक कर लिया. बीएलए का पूरा नाम है बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी. उसका मकसद है बलूचिस्तान की आजादी. यानी पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र देश-बलूचिस्तान. मगर पाकिस्तान बलूचिस्तान पर जबरन शासन करता है. उसके नेचुरल रिसोर्सेस का दोहन करता है. वह बलूचिस्तान को केवल चूसता है, बदले में कुछ नहीं देता. इसी नाराजगी की वजह है पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक कांड. अब आप कहेंगे कि इसका चीन से क्या कनेक्शन है? तो इसे समझने के लिए कुछ घटनाक्रमों पर गौर करना होगा.

इसमें कोई शक नहीं है कि बलूचिस्तान प्राकृतिक संपदा से संपन्न इलाका है. पाकिस्तान को इसकी अहमियत पता है. बलूचिस्तान के खनिज-पदार्थों पर चीन की भी नजर है. इसलिए चीन इस इलाके में अपना पैर जमाना चाहता है. चीन पाकिस्तान को कर्ज के जाल में फंसाकर बलूचिस्तान का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहता है. यही बात बलोचों और बीएलए को नागवार गुजर रही है. बलोच चाहते हैं कि बलूचिस्तान एक स्वतंत्र देश रहे. उनकी जमीन पर न तो पाक और न ही चीन का हस्तक्षेप हो. तभी सालों से यहां आजादी की लड़ाई जारी है.

बीएलए का क्या है मकसदट्रेन पर जिस ग्रुप ने कब्जा किया है, वह है बीएलए. बीएलए का मकसद है बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद कराना. बलोच विद्रोहियों का कहना कि पाकिस्तानी सरकार बलूचिस्तान के विशाल प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करती है और क्षेत्र में गंभीर मानवाधिकारों के हनन करती है. अब बलूचिस्तान की जमीन पर चीन के भी कदम पड़ चुके हैं. इस इलाके में चीन का बहुत बड़ा निवेश है. इसलिए बलूचिस्तान के ग्वादर में चीनी निवेश और सुरक्षा के लिए सैन्य उपस्थिति बढ़ाई गई है. बलूचिस्तान में चीन ने अपने लिए एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया है. नाम है- न्यू ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट. न्यू ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पाकिस्तान का सबसे महंगा एयरपोर्ट है. इसे चीन ने 24 करोड़ डॉलर की लागत से बनाया है. यह अक्टूबर 2024 में बनकर तैयार हुआ, लेकिन अभी चालू नहीं हुआ.

बलोच उतार रहे पाक से चीन वाला गुस्साइतना ही नहीं, पाकिस्तान ने चीन को बलूचिस्तान इलाके में 5 हजार एकड़ जमीन भी दे दी है. पाकिस्तान सरकार ने बीते दिनों ही दक्षिणी बलूचिस्तान में चीन की सेना को 5000 एकड़ से अधिक जमीन आवंटित किया. हालांकि इसके बदले पाकिस्तान ने चीन से उसे पूरे क्षेत्र का विकास करने का करार किया है. मगर यह सब ढकोसला है. यह बात बलोची लोग अच्छे से जान गए हैं. जब न्यू ग्वादर एयरपोर्ट बना तब भी यही कहा गया कि इससे बलूचिस्तान के लोगों को फायदा होगा. नौकरी मिलेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. मगर ऐसा नहीं हुआ. यहां बाहरी लोगों को ही नौकरी-रोजगार मिला. इससे बलोच लोगों में खूब नाराजगी है. बीएलए को भी इन बातों का गुस्सा है. यही वजह है कि अब बीएलए पाकिस्तान सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं. इतना ही नहीं, पाक सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को भी जेल में बंद कर दिया गया है. बीएलए उनकी रिहाई की मांग कर रही है. इस कारण ही उसने ट्रेन को हाईजैक किया है.

बलूचिस्तान का चीन कनेक्शन
• पाक ने बलूचिस्तान में चीन को न्यू ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने दिया.
• पाक ने चीन को 5 हजार एकड़ जमीन दी.
• लूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
पाक के लिए बलूचिस्तान क्यों अहम अब सवाल है कि पाकिस्तान के लिए बलूचिस्तान इतना अहम क्यों है. तो इसकी सबसे बड़ी वजह है खजाना. जी हां, पाकिस्तान के लिए बलूचिस्तान बहुत अहम है क्योंकि यह देश का सबसे बड़ा प्रांत है. इसमें प्राकृतिक संसाधनों की बहुतायत है. बलूचिस्तान में तेल, गैस और खनिज संसाधनों के बड़े भंडार हैं. यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. इतना ही नहीं, बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बनाई गई है. पाक सरकार का दावा है कि यह परियोजना पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर प्रदान करने में मदद करेगी. मगर बलोचों का कहना है कि इससे उनकी किस्मत में कोई बदलाव नहीं होगा. बलूचिस्तान के लोगों का प्रतिनिधित्व वैसा नहीं है, जितने के वे हकदार हैं. यही वजह है कि यहां सालों से आजादी की लड़ाई चल रही है..

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