दुनिया भर के देशों की खुफिया एजेंसियों के चीफ भारत आने वाले हैं, जिनमें कनाडा की कनेडियन सिक्योरिटी इंटेलीजेंस सर्विसेज (CSIS) के प्रमुख डेनियल रॉजर भी शामिल होंगे. मिड मार्च में होने जा रही एनुअल इंटेलीजेंस गैदरिंग में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (ISI) चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक को इनवाइट नहीं किया गया है. इस पर पाक एक्सपर्ट कमर चीमा का कहना है कि भले इंडिया ने उन्हें न बुलाया हो, लेकिन मीटिंग में जिन देशों के इंटेलीजेंस चीफ शामिल होंगे वो पाकिस्तान को मीटिंग की बातें बता ही देंगे.
कमर चीमा ने कहा कि वहां कई मुल्कों के ऐसे इंटेलीजेंस चीफ बैठे होंगे, जो पाकिस्तान को सबकुछ बताएंगे. वहां पर क्या डिस्कस हुआ, क्या एजेंडा था और भारत किन मुद्दों पर बात करता है. उन्होंने कहा कि अगर इंडिया ये समझता है कि पाकिस्तान को वहां की इनफोर्मेशन नहीं मिलेगी तो ये गलत सोच है. कमर चीमा ने कहा कि भारत चरमपंथ, साइबर थ्रेट और क्रॉस बॉर्डर की बात करता है तो जाहिर से बात है कि ये सबको पता है, लेकिन मीटिंग में स्पेसिफिकली क्या इंफोर्मेशन शेयर की, वो है असल कहानी. उस कहानी के पीछे पाकिस्तान भी तलाश में होगा कि जानें भारत अंदर ही अंदर क्या सोच रहा है, जिस वजह से भारत ने पाकिस्तान को इनवाइट नहीं किया है.
कमर चीमा ने कहा कि भारत आईएसआई चीफ को इनवाइट नहीं करता. शायद वो इसलिए भी इनवाइट नहीं करते होंगे कि पिछली बार नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर को बुलाया था तो वो आए ही नहीं. उन्होंने कहा कि दूसरा भारत सोचता है कि पाकिस्तान के साथ हम वो चीजें शेयर नहीं करना चाहते जो दुनिया के साथ करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पहली बात तो ये कि आईएसआई चीफ जनरल आसिम मलिक भारत जाएंगे नहीं और दूसरा ये कि भारत बुलाएगा भी नहीं.
पाक एक्सपर्ट ने बोले, क्यों इंटेलीजेंस चीफ को बुला रहा भारत? कमर चीमा ने कहा कि यूरोप, ब्रिटेन, सऊदी और कनाडा के इंटेलीजेंस चीफ भारत आ रहे हैं. क्या वजह है कि भारत ग्लोबल इंटेलीजेंस चीफ को बुलाता है. उन्होंने कहा कि उन्होंने स्टडी की तो पता चला कि साल 2022 में एक इनोग्रल कॉन्फ्रेंस हुई थी, जिसमें 20 देशों के इंटेलीजेंस चीफ शामिल हुए थे. इसमें चरमपंथ, क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म, साइबर थ्रेट रेडिकलाइजेशन पर चर्चा की. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी क्या वजह है कि इंडिया म्यूनिख सिक्योरिटी जैसे फोरम की तरह की मीटिंग करवाता है. भारत रायजीना डायलॉग करवाता है, ग्लोबल इंटेलीजेंस चीफ को भी बुलाता है. इंडिया जी-20 भी करवा चुका है.
कमर चीमा ने कहा कि भारत ग्लोबल स्टेज के ऊपर अपनी प्रेजेंस दर्ज करवाना चाहता है. 2023 में भी ये कॉन्फ्रेंस हुई थी, जिसमें 26 देशों के इंटेलीजेंस चीफ आए थे, 2024 में भी हुई थी. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए भारत कश्मीर को लेकर भी दुनिया के सामने एकतरफ कहानी सुनाता है और उसको फायदा ये होता है कि दुनिया ये मान चुकी है कि पाकिस्तान भारत के लिए दहशतगर्दी का मसला है.
उन्होंने कहा कि इंडिया दुनिया को ये बताना चाहता है कि आपकी तरह हम भी दहशतरगर्दी को खत्म करना चाहते हैं. कमर चीमा ने कहा कि जब अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन जैसे डेमोक्रेटिक मुल्क आएंगे तो भारत चीन की बात करेगा और जब मिडिल ईस्ट और दूसरे मुस्लिम मुल्क आएंगे तो अपना प्रभाव बनाने के लिए भारत बताएगा कि देखो हमारे यहां अमिरेका, यूरोप आते हैं.