लक्ष्मण तलैया को भरने की तैयारी?, मंत्री तोमर ने किया था जीर्णोद्धार के लिये भूमिपूजन

ग्वालियर अपनी ऐतिहासिक और रमणीय धरोहरों के लिए मशहूर है। जहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक ग्वालियर घूमने आते हैं। ग्वालियर में ऐसे कई स्थान हैं जहां पर लोग शांति व सुकून की तलाश में पहुंचते हैं। ऐसे ही एक खूबसूरत स्थानों में से एक है लक्ष्मण तलैया जोकि बहोड़ापुर क्षेत्र में ऊंची पहाड़ी पर किले की तलहटी में बनी हुई है। इसमे सालभर पानी भरा रहता है, लेकिन हाल ही में इसे खाली कराया गया है और 79 लाख की लागत से इसका जीर्णोद्धार होना है। लेकिन सूत्रों की माने तो साजिशन इसमे पानी भरने की तैयारी है।
यहां बता दें कि इस ताल का निर्माण लगभग 1925 के आसपास लक्ष्मण राव फाल्के द्वारा करवाया गया था, जो जियाजी राव सिंधिया के शासन काल में सरदार हुआ करते थे। तत्कालीन समय में भी यह ताल राजसी वैभव का प्रतीक हुआ करता था। प्रकृति की गोद में बना हुआ यह ताल तत्कालीन समय के शासकों की भी पसंदीदा जगह मानी जाती थी। जहां राजे महाराजे अपने फुरसत के पल यहां बिताया करते थे। यह बेहद रमणीय स्थल है बरसात में यह किसी हिल स्टेशन से कम नहीं रहता है। किले की विभिन्न स्रोतों से आने वाला पानी इसी ताल में आकर मिलता है, इतना ही नहीं यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं। 18 से 20 फीट गहरे इस तालाब की मरम्मत का कार्य 2001 में नगर निगम द्वारा करवाया गया था। इसके अलावा कुंड के आसपास कई तरह के विशेष मंदिर भी हैं। अब इसके जीर्णोद्धार के लिये मंत्री प्रघुम्न सिंह तोमर द्वारा हाल ही भूमिपूजन भी किया गया है। साथ ही इस तलैया को खाली भी कराया गया है जिससे इसके जीर्णोद्धार में कोई कमी नहीं रहे। इसके जीर्णोद्धार के लिये 79 लाख का बजट निर्धारित किया गया है। परंतु इसके जीर्णोद्धार में पेंच लगाने का काम निगम के कुछ शातिरतत्व कर रहे है। सूत्रों की माने तो ग्वालियर विधानसभा प्रभारी द्वारा इसमें पानी भरने की कोशिश की जा रही है। जबकि मंत्री जी ने खाली कराकर इसके जीर्णोद्धार का भूमिपूजन किया था। इसमे बड़ी संख्या में मछली भी भरी थी। खबरों की माने तो अगले सप्ताह स्वास्थ्य भारत की टीम आयेगी। उससे पहले ही प्रभारी सुशील कटारे लक्ष्मण तलैया मेें पानी भरने की कोशिश कर रहे है।

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