उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद का सर्वे और उसके बाद हुई घटना को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर लगातार जारी है. इस कड़ी में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान सामने आया है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुसलमानों को भारत में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है और यह अब वह भारत नहीं है, जिसकी इसके संस्थापकों ने कल्पना की थी या जम्मू-कश्मीर ने इसका हिस्सा बनना चुना था.
जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग
सऊदी अरब उमरा कर लौटे उमर अब्दुल्ला ने पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चुनाव के बाद अब फुर्सत में हैं. ऐसे में उन्हें अब जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर को राज्य के दर्जा दिलवाने की मांग को प्राथमिकता दी गई थी.
हिंदुत्वा इको सिस्टम कर रहा है हमला- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देश का हिंदुत्वा इको सिस्टम बिना किसी रोक-टोक के हमला कर रहा है, जिससे यह शक पैदा हो गया है कि क्या भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश बना रहेगा? उन्होंने कहा कि बीजेपी मुसलमानों के खिलाफ एक सोची-समझी रणनीति के तहत निशाना बना रही है. इसकी के तहत मदरसों, मजारों और मस्जिदों को निशाना बनाया जा रहा है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी मुस्लिम तुष्टिकरण की बात नहीं करती है, न करें. लेकिन मुस्लिम तुष्टिकरण न करने के यह मतलब नहीं बनता है कि वह उनपर हमला करें.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा, “मस्जिदों, दरगाहों और धर्म का पालन करने के हमारे तरीके के पीछे जाकर, आप हमें पीड़ित कर रहे हैं. यह वह भारत नहीं है, जिसका हिस्सा बनने के लिए जम्मू-कश्मीर ने चुना था.”
उमर अब्दुल्ला का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब कुछ दिनों पहले राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार के मामले में भारत और बांग्लादेश की तुलना की थी, जिसपर बीजेपी ने नाराजगी जता चुकी है.