मेरा पानी उतरता देख मेरे किनारे पर घर मत बना लेना, मैं समंदर हूं लौट कर जरूर आऊंगा.’ महाराष्ट्र की सत्ता की कमान संभालने के साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने साल 2019 में दिए अपने इस बयान को सच कर दिखाया. खास बातचीत में महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने विरोधियों को धन्यवाद किया और कहा कि अपने विरोधियों की वजह से ही उन्हें लड़ने का मनोबल मिला.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “मैं उनका आभार व्य्कत करता हूं. उन्होंने मुझे, मेरे परिवार को और मेरी पार्टी को टारगेट किया, जो महाराष्ट्र को भी पसंद नहीं आया. आज उनमें से कई लोगों को शर्मिंदगी होती होगी कि उन्होंने मुझसे ऐसा व्यवहार किया. साल 2022 में जब उपमुख्यमंत्री बना, तभी मैंने कह दिया था कि मैं सबसे बदला लूंगा और मैंने बदला ले लिया है. बदले के रूप में मैंने सबको माफ कर दिया.”
मुख्यमंत्री बनने का श्रेय किसे देंगे देवेंद्र फडणवीस?
मुख्यमंत्री बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने नई पारी शुरू कर दी है और अब उनका फोकस है समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाना. अपनी जीत का श्रेय देवेंद्र फडणवीस ने सबसे पहले महाराष्ट्र की जनता को दिया है. उन्होंने कहा, “जिस जनता ने हमें बहुत बड़ा बहुमत दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारा दिया और इस नारे से प्रेरित होकर लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने मतदान किया.”
महाराष्ट्र सीएम ने कहा, “ढाई साल में महायुति सरकार ने जो काम किया वह महाराष्ट्र की जनता को पसंद आया. लाडली बहना योजना ने महिलाओं में सकारात्मकता पैदा की. सरकार ने किसानों और युवाओं के लिए भी योजनाएं लाईं. बच्चियों के ली मुफ्त शिक्षा की योजना लाई गई, जिसका फायदा महायुति को मिला. इससे महाराष्ट्र में महायुति के प्रति प्रो-इन्कंबेंसी बनी.”
‘चुनाव हारने पर सीख मिलती है’- देवेंद्र फडणवीस
अपने 10 साल के सफर में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने, फिर सीएम बनने के बाद पद छोड़ना पड़ा और अब फिर मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली. इस सफर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने ‘रोलर कोस्टर राइड’ बताया है. उन्होंने कहा, “बीजेपी में हमें सिखाया जाता है कि चुनाव में जीत ‘टीम वर्क’ होता है और हार एक ‘सीख’ कही जाती है. अगर मैं अपनी ही तुलना 2014 से करूं तो अब मैं परिपक्व हुआ हूं. कई आघात सहन करने से आत्मिक ताकत बढ़ती है. किसी परिस्थिति में कैसे रिएक्ट करना चाहिए, इसका भी तरीका आता है. अब मैं बदल गया हूं और बेहतर हुआ हूं.”
हिन्दुत्व के एजेंडे पर देवेंद्र फडणवीस का बड़ा बयान
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सवाल किया गया कि बीजेपी को ‘हिन्दुत्व के एजेंडे’ से फायदा मिला है? क्या इसकी वजह से महाराष्ट्र में ध्रुवीकरण हुआ है? इस पर सीएम फडणवीस ने कहा, “महाराष्ट्र में हिन्दुत्व का असर रहा है, लेकिन इसे पोलराइजेश नहीं कहा जा सकता. यह काउंटर-पोलराइजेशन है.”
एमवीए और सज्जाद नोमानी का जिक्र करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “जिस प्रकार से एमवीए ने सज्जाद नोमानी जैसे लोगों के साथ डील की और इस प्रकार की बातें मानीं कि यहां जो दंगे हुए, उनके मुस्लिम आरोपियों को छोड़ दिया जाएगा. सज्जाद नोमानी ने ऐसी 17 मांगें की थीं. जब एमवीए ने इन मांगों को माना और लोकसभा में जिस प्रकार की वोटिंग हुई, महाराष्ट्र की जनता को यह बात समझ आ गई.”
‘हिंदुत्व और विकास एक ही सिक्के के दो पहलू’
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “जब आप किसी को दबाते हो तो वो और ताकत से उभरता है. जिस प्रकार से महाराष्ट्र और देश के हिंदू समाज को दबाने की कोशिश की गई, उसका जवाब लोगों ने दिया. हम लोगों ने प्रो-इनकम्बेंसी भी क्रिएट की थी. लोगों के मन में ये बात आई कि ये गति से काम करने वाली सरकार है. हिंदुत्व और विकास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. किसी की पूजा पद्धति अलग हो सकती है. ये कोई अरब स्थान से आए हुए मुस्लिम तो नहीं हैं, जो आए थे वो चले गए. ये पूर्वाश्रम के भारतीय हैं. पूर्वाश्रम के हिंदू हैं.