इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए एक बार फिर रूस के सामने गुहार लगाई है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और रूसी संघ परिषद की अध्यक्ष वेलेंटिनी मतविएंको के साथ मुलाकात के बाद जारी बयान में इसकी जानकारी दी है। इसके पहले पाकिस्तान ने रूस के कजान में हुई ब्रिक्स शिखर सम्मलेन की बैठक में भी समूह का सदस्य बनने की उम्मीद जताई थी, लेकिन भारत के विरोध के बाद पाकिस्तान को एट्री नहीं मिली। यही नहीं, पाकिस्तान को डायलॉग पार्टनर भी नहीं बनाया गया। अब एक बार फिर पाकिस्तान रूस के सामने गिड़गिड़ाया है।
पाकिस्तानी राष्ट्रपति कार्यालय ने जारी बयान में कहा गया है कि ‘जरदारी ने ब्रिक्स की सदस्यता के लिए मॉस्को से समर्थन मांगा है। इससे पाकिस्तान को गठबंधन के माध्यम से क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग में अपनी भूमिका बढ़ाने में मदद मिलेगी।’ बयान में आगे कहा गया कि दोनों पक्षों ने दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए व्यापार, वाणिज्य, निवेश, कृषि और ऊर्जा के क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने का संकल्प भी व्यक्त किया।
ब्रिक्स बैठक में पाकिस्तान को न्योता नहीं
पाकिस्तान ने पिछले साल नवंबर में ब्रिक्स की सदस्यता के लिए आवेदन किया था। हालांकि, उसे इसी महीने रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स बैठक में न्योता तक नहीं मिला था। हाल ही में मीडिया ब्रीफिंग में पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने निमंत्रण न मिलने की पुष्टि की थी।
बलूच ने कहा, ‘पाकिस्तान ब्रिक्स का सदस्य नहीं है। विकासशील देश और समावेशी बहुपक्षवाद के प्रबल समर्थक के रूप में पाकिस्तान का मानना है कि वह इस समह में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।’ उन्होंने आगे कहा कि ब्रिक्स में शामिल होकर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सहयोगी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
क्या है ब्रिक्स?
BRICS की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत, चीन ने मिलकर किया था। आगे चलकर इसमें दक्षिण अफ्रीका को भी शामिल किया गया। इन्हीं देशों के नाम पर समूह को ब्रिक्स नाम दिया गया है। दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के इस ब्लॉक ने ईरान, इथियोपिया, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात को भी अपने में शामिल किया है, जिसके बाद इसके सदस्यों की संख्या 9 हो गई है।