केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा, जानें क्या है मामला?

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में बिहार के किशनगंज कोर्ट में परिवाद दायर किया है। एआईएमआईएम के वकील का कहना है कि गिरिराज सिंह ने अपने किशनगंज दौरे के दौरान कई जनसभाओं में ऐसे बयान दिए, जिनसे समुदायों के बीच वैमनस्य फैल सकता है और स्थानीय जनता की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

गिरिराज सिंह के खिलाफ एआईएमआईएम ने खोला मोर्चा

परिवाद में आरोप लगाया गया है कि गिरिराज सिंह ने जानबूझकर ऐसे भाषण दिए, जिनसे हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव बढ़ सकता है और सद्भाव को नुकसान पहुंच सकता है। वकील ने कहा कि गिरिराज सिंह के बयानों से यहां की शांति और भाईचारे पर असर पड़ा है और उन्होंने एक समुदाय को भड़काने का प्रयास किया है।

दायर परिवाद में लगाए ये गंभीर आरोप

एआईएमआईएम के कार्यकर्ता और वकील शम्स आजाद ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ दायर परिवाद में कहा है कि गिरिराज सिंह का बयान, जिसमें उन्होंने मुसलमानों पर मंदिर तोड़ने का आरोप लगाया, एक भड़काऊ और दंगा फैलाने वाला बयान है। शम्स आजाद ने दावा किया कि इस तरह के बयान से समाज में गलत संदेश जाएगा और सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है।

इन धाराओं में दर्ज किया गया केस

परिवाद भारतीय दंड संहिता की धाराओं 196, 197, 199, और 302 के तहत दर्ज किया गया है। साथ ही, अदालत के समक्ष वीडियो साक्ष्य भी प्रस्तुत किए गए हैं। यह परिवाद एआईएमआईएम नेता इम्तियाज आलम की ओर से दायर किया गया है। इसमें गिरिराज सिंह के बयानों को देश में शांति और सद्भाव को नुकसान पहुंचाने वाला बताया गया है।

जानिए क्या है पूरा मामला

केद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ जो 18 अक्टूबर को भागलपुर से शुरू हुई थी। कटिहार, पूर्णिया, तथा अररिया होते हुए 22 अक्टूबर को किशनगंज पहुंची। उन्होंने जनसभा को संबोधित किया और बांग्लादेशी घुसपैठ सहित अन्य मुद्दों पर बयान दिए। उनके इन बयानों पर एआईएमआईएम के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि ये बयान समाज में सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने वाले हैं। इसी के चलते एआईएमआईएम नेताओं ने किशनगंज कोर्ट में गिरिराज सिंह के खिलाफ कंप्लेंट केस दायर किया है, जिसमें उनके बयानों को भड़काऊ और सांप्रदायिक सौहार्द्र को प्रभावित करने वाला बताया गया है।

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