लेबनान में हुए पेजर अटैक में मोसाद के बाद यूनिट 8200 चर्चा में है. बताया जा रहा है कि इजरायल की एक सिक्योरिटी यूनिट ‘Unit 8200’ का पेजर अटैक में अहम रोल था. इस खास यूनिट ने ही इस पूरे सीक्रेट ऑपरेशन को अंजाम दिया है. ऐसे में मोसाद के बाद इजरायल की इस यूनिट चर्चा होने लगी है. तो जानते हैं कि आखिर ये यूनिट क्या है, इसका क्या काम है और पेजर अटैक में इस यूनिट की क्या भूमिका रही थी.
क्या था ‘यूनिट 8200’ का रोल?
‘यूनिट 8200’ को लेकर रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि लेबनान के सीनियर सिक्योरिटी सोर्स के अनुसार ‘यूनिट 8200’ हिजबुल्लाह पर किए पेजर ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई थी. ‘यूनिट 8200’ ही ऑपरेशन के डवलपमेंट स्टेज का हिस्सा थी और करीब 1 साल से इस पर काम कर रहा थी. इसके अलावा इस ऑपरेशन में मोसाद ने पेजर में विस्फोटक लगाने से जुड़ा काम किया था. इस ऑपरेशन में यूनिट 8200 के लोगों ने ही इसका टेक्निकल काम संभाला था और ये प्लान बनाया था कि कैसे विस्फोटक एंटर किया जाएगा और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ा काम कैसे किया जाएगा.
क्या है ‘यूनिट 8200’?
‘यूनिट 8200’ खुफिया एजेंसी का हिस्सा नहीं है और ये डिफेंस फोर्स की इंटेलिजेंस यूनिट है. ये एक तरह से इजरायल की सेना का हिस्सा है. इस यूनिट के सदस्य सेना के काफी होनहार मेंबर हैं, जो कई स्पेशल ऑपरेशन पर काम करते हैं. इस इजरायल का वॉर्निंग सिस्टम कहा जाता है, जो खतरे का पहले से पता कर लेती है. लेकिन, अब दक्षिणी इजरायल पर हमास ने अटैक किया था और इसका पता पहले नहीं चला तो इस यूनिट पर कई सवाल भी उठे थे. इसके बाद इसके कमांडर ने अपना पद भी छोड़ दिया था.
इस यूनिट को इसलिए खास माना जाता है, क्योंकि ये किसी भी ऑपरेशन में ऑउट ऑफ द बॉक्स सोच पर जोर देती है और ऐसा ही पेजर अटैक में हुआ. इस यूनिट में युवा लोगों की भरमार है और उन्होंने कई सीनियर लोगों को रिप्लेस किया है. ये एआई और साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी खास काम कर रहे हैं.यूनिट में शामिल होने वाले कई लोग टेक एक्सपर्ट हैं. इस यूनिट का कल्चर इसे खास बनाता है, जिसमें कहा जाता है एव्रीथिंग इज पॉसिबल.
ये यूनिट टेक्निकल चीजों पर ज्यादा फोकस करती है और इसकी टीम टेक्नोलॉजी के जरिए ज्यादा डेटा इकट्ठा करती है, जिसमें हैकिंग आदि शामिल है. इसके साथ ही इस टीम का खास जोर है कि आखिर किस तरह से तकनीक के सहारे नए ऑपरेशन किए जाए और ऑपरेशन में फोर्स की मदद हो. साथ ही नई टेक्नोलॉजी का विकास करके भी इस यूनिट ने काफी काम किया, जिसका काफी बेहतर रिजल्ट रहा है.
बता दें कि 8200 यूनिट की तरह 9900 यूनिट और 504 यूनिट भी है, जो अलग-अलग स्तर पर काम कर रही हैं. इसमें सबसे बड़ी यूनिट 8220 यूनिट है,जो इंफोर्मेशन इकट्ठा करने को लेकर अहम काम करती है. वॉर टाइम में भी इस यूनिट का अहम रोल होता है और ये तेज स्पीड से जानकारी को पहुंचाने या प्राप्त करने का काम करती है.
कई ऑपरेशन किए हैं
कहा जाता है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बर्बाद करने में इस यूनिट की बड़ी भूमिका मानी जाती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इसने Struxnet नाम का एक वायरस बनाया था और ये परमाणु यूनिट्स को जला देता था. इसके साथ ही इसने 2018 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से ऑस्ट्रेलिया जा रहे एक विमान को ISIS से हाइजैक होने से बचाया था.