राजनीति में कब क्या हो जाए कहना मुश्किल होता है। कोई नेता अभी सूबे की कमान संभाल रहा होता है और एक फोन कॉल उसे पूर्व कर देती है। इसी कड़ी में चर्चा है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। पद से हटाए जाने की चर्चा के बीच सीएम सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि वह पार्टी आलाकमान और विधायकों के निर्णय का पालन करेंगे। मुख्यमंत्री ने यह बात अपने गृहनगर मैसूर में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कही।
मैं पद पर रहूंगा या नहीं पार्टी हाईकमान करेगा फैसला
बता दें कि कुछ दिन पहले पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता आर.वी. देशपांडे के बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि नेतृत्व में बदलाव होता है, तो वे मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए तैयार हैं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा? इस संबंध में पार्टी के विधायक और आला कमान निर्णय लेंगे। वे जो भी निर्णय वे लेंगे, मैं उसका पालन करूंगा।”
मैंने झूठ नहीं बोला…
संवाददाताओं ने जब उनसे पूछा कि लंबे समय बाद वे कैसे तरोताजा दिख रहे हैं, जबकि भाजपा दावा कर रही है कि मुडा मामले के बाद वे सुस्त हो गए हैं, तो सीएम सिद्धारमैया ने हंसते हुए कहा, “इस मामले में विपक्ष ने झूठ बोला है। अगर उनका झूठ साबित नहीं हुआ, तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं। मैंने झूठ नहीं बोला है, न ही मैंने गलत बयान दिए और न कोई गलती की है।”