बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मुहम्मद यूनुस ने शनिवार को हिंसा से ग्रसित देश में अल्पसंख्यक समुदाय खासतौर पर हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने हिंदुओं पर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए इसे जघन्य बताया है। युनुस ने कहा कि क्या वे अल्पसंख्यक इस देश के लोग नहीं हैं। हम सभी ने साथ में मिलकर लड़ाई लड़ी है और हम सभी साथ में ही रहेंगे।
मोहम्मद यूनुस ने रंगपुर शहर में बेगम रोकेया यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि क्या वे अल्पसंख्यक इस देश के लोग नहीं हैं। आप (छात्र) इस देश को बचाने में पूरी तरह से आगे रहे हैं। क्या आप कुछ परिवारों को नहीं बचा सकते। आपको कहना चाहिए कि कोई भी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता। वे मेरे भाई हैं, हमने साथ मिलकर लड़ाई लड़ी है और हम साथ ही रहेंगे। युनुस ने कहा कि आपकी कोशिशों को बेकार करने के लिए कई सारे लोग खड़े हुए हैं। आप इस बार मत गिरिए।
बांग्लादेश की डोर युवाओं के हाथों में- मोहम्मद यूनुस
युवा नेतृत्व के बारे में यूनुस ने कहा कि यह बांग्लादेश अब आपके हाथों में है। आपके पास इसे जहां चाहें वहां ले जाने की शक्ति है। यह रिसर्च का विषय नहीं है। यह आपके अंदर की शक्ति है। उन्होंने बांग्लादेश के लोगों से यह भी आग्रह किया कि वे छात्र कार्यकर्ता अबू सईद की तरह काम करें। अबू सईद अब सिर्फ एक परिवार का सदस्य नहीं रह गया है। वह बांग्लादेश के सभी परिवारों का बच्चा है। जो बच्चे बड़े होकर स्कूल और कॉलेज जाएंगे, वे अबू सईद के बारे में जानेंगे और खुद से कहेंगे कि मैं भी न्याय के लिए लड़ूंगा।
हिंदू आंदोलनकारियों ने जाम किया शाहबाग चौराहा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रों समेत हजारों हिंदू आंदोलनकारियों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में अपने घरों, दुकानों और मंदिरों पर हमलों का विरोध करते हुए शनिवार को लगातार दूसरे दिन शाहबाग चौराहे को जाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने कई सारे नारे लगाए जैसे कि हिंदुओं को बचाओ, मेरे मंदिर और घर क्यों लूटे जा रहे हैं। हमें जवाब चाहिए, स्वतंत्र बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार जारी नहीं रहेगा, धर्म लोगों के लिए है, राज्य सभी के लिए है और हिंदुओं की सुरक्षा करें।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों पर कम से कम 205 हमले हुए हैं। तब से हजारों बांग्लादेशी हिंदू हिंसा से बचने और अपनी जान बचाने के लिए पड़ोसी भारत भागने की कोशिश कर रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। यह भारत के पूर्वी पड़ोसी देश की कुल 170 मिलियन (17 करोड़) जनसंख्या का लगभग 8 फीसदी (13 मिलियन) है। भारत के साथ रिश्तों को लेकर खालिदा जिया की पार्टी ने बयान भी दिया था।