बीजिंग। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीनी हालात से जुड़े मुद्दों को ठीक करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ काम करने की इच्छा जताई है। भारत-चीन सीमा मुद्दे के लिए विशेष प्रतिनिधि के रूप में डोभाल की पुनर्नियुक्ति पर वांग ने उन्हें बधाई दी।
वांग ने कहा कि दुनिया में दो सबसे अधिक आबादी वाले विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में चीन और भारत एक ऐसा रिश्ता साझा करता है, जो द्विपक्षीय सीमाओं से परे है और वैश्विक महत्व रखता है। वांग का संदेश कजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हालिया मुलाकात के बाद आया है।
2003 में हुआ था विशेष प्रतिनिधि तंत्र का गठन
भारत में नई सरकार के गठन के बाद यह भारतीय और चीनी अधिकारियों के बीच पहली उच्च स्तरीय बैठक थी। भारत-चीन सीमा के विवाद को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए 2003 में गठित विशेष प्रतिनिधि तंत्र का नेतृत्व भारत के एनएसए और चीनी विदेश मंत्री करते हैं।
सेनाओं के बीच झड़प के बाद आया तनाव
इसकी 19 बार बैठक हो चुकी है। गलवान के पास पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पैदा होने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।