नई दिल्ली/अगरतला. पड़ोसी देशों से अवैध तरीके से भारत में दाखिल होने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है. भारत की ओर से सीमाओं को चाक-चौबंद करने की कोशिशें लगातार की जाती हैं, इसके बावजूद दूसरे देश के नागरिक अवैध तरीके से देश में दाखिल हो जाते हैं. खासकर बांग्लादेश की सीमा लोगों के घुसपैठ को लेकर कुख्यात हो चुका है. भारत की ओर से बांग्लादेश की सीमा पर चेक पोस्ट बनाने के साथ ही बाड़बंदी भी की जा रही है. हालांकि, भारत-बांग्लादेश की लंबी सीमा का काफी हिस्सा पहाड़ों और नदियों में भी पड़ता है, ऐसे में उन दुर्गम क्षेत्रों में बाड़बंदी नहीं की जा सकती है. इन इलाकों से बांग्लादेश की ओर से अवैध लोगों का प्रवेश लगातार होता रहता है. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है.
जानकारी के अनुसार, GRP और RPF की टीम ने अगरतला रेलवे स्टेशन से दो अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. रेलवे सुरक्षाबलों को पूर्व में खुफिया जानकारी मिली थी कि कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन से दो बांग्लादेशी नागरिक अगरतला पहुंच रहे हैं. इसे देखते हुए रेलवे स्टेशन के एग्जिट प्वाइंट पर चेक नाका लगा दिया गया था. इसे अलावा जीआरपी और आरपीएफ की टीम भी सक्रिय थी. बता दें कि बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करते हैं और उसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में फैल जाते हैं.
कंचनजंगा एक्सप्रेस से पहुंचे अगरतला
जीआरपी पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इंचार्ज तापस दास ने बताया कि उनके पास पहले से ही इस बात की सूचना थी कि कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन से कुछ अवैध बांग्लादेशी अगरतला आने वाले हैं. इसको लेकर पहले से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. जीआरपी के ऑफिसर ने बताया कि दलालों की मदद से बांग्लादेशी नागरिकों ने अवैध तरीके बॉर्डर पार की और अब अगरतला आ रहे हैं. तापस दास ने बताया कि इसके बाद रेलवे स्टेशन के हर एग्जिट गेट पर चेकप्वाइंट बना दिए गए थे. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, ताकि अवैध बांग्लादेशी किसी भी कीमत पर बचने न पाएं.
रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध व्यवहार
जीआरपी के अधिकारी तापस दास ने बताया कि कंचनजंगा एक्सप्रेस के आते ही एक महिला और एक पुरुष चार अन्य लोगों के साथ स्टेशन पर उतरे. उनका व्यवहार संदिग्ध लग रहा था. सुरक्षा बलों ने उनको हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी तो सारा भेद खुल गया. महिला और पुरुष बांग्लादेशी थे, जबकि अन्य चारों भारतीय दलाल थे जिन्होंने इनको बॉर्डर पार कराया था. बाकी सभी त्रिपुरा के ही रहने वाले पाए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान रुपासी रानी मजुमदार और सकुल चंद्र बैद्य के तौर पर की गई है. वहीं, अन्य त्रिपुरा वासियों की पहचान लक्ष्मण सरकार, दिजान नामा दास, संजीत साहा और सुमन देब के तौर पर की गई है. ये सभी अगरतला के साउथ जॉयनगर के रहने वाले हैं.