इन्दौर। राधा रानी और बरसाना से जुड़ी एक टिप्पणी को लेकर देश के दो बड़े धार्मिक व्यक्तित्व ख्यात रसिक संत स्वामी प्रेमानंद महाराज और अंतरराष्ट्रीय कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा के बीच शुरू हुए विवाद का सुखद पटाक्षेप मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के प्रयासों से हो गया है। शुक्रवार रात पंडित मिश्रा ने स्वामी प्रेमानंद से फोन पर संपर्क कर अपने कथन के लिए माफी मांगी तो स्वामीजी ने कहा, आवेश में कह गए शब्दों के लिए मुझे भी दुख है। उन्होंने अपने कथन पर खेद भी व्यक्त किया। दोनों के बीच संवाद स्थापित करने की पहल भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने की थी।
इन दिनों पंडित मिश्रा की कथा ओंकारेश्वर के नजदीक चल रही है। शुक्रवार को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इस कथा में शामिल होने पहुंचे थे। कथा के बाद जब उनका पंडित मिश्रा से संवाद हुआ तो उसमें चर्चा का एक विषय यह भी रहा। हकीकत से वाकिफ होने के बाद विजयवर्गीय ने उसी समय दोनों के बीच संवाद की पहल की। पंडित मिश्रा तत्काल तैयार हो गए और वहीं से उन्होंने स्वामी प्रेमानंद को फोन लगाया। दोनों के बीच लंबा संवाद हुआ और पंडितजी ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि स्वामीजी जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, वह आधा-अधूरा है, इस कारण पूरी बात आपके सामने नहीं आ पाई। यह वीडियो 14 साल पहले महाराष्ट्र के कमलापुर में हुई मेरी कथा का है और इसे काट-छांटकर वायरल किया गया है।